बाबा को भी नहीं बख्सा , कोशिश पूरी करी समाचार छप भी गया ,जिससे संत-समाज में खलबली मच भी गई ,लेकिन फ़िर उसी पत्र और पत्रकार ने खंडन छाप कर ,और स्वामी रामदेव ने सभी संतों को स्पष्टीकरण देकर वास्तविकता सामने रख दी । एक पत्रकार की कोशिश नाकाम हो गई या वह जो ( hayilayit होना) चाहता था उसमे कुछ ही सफल हुआ । अगर इस तरह के पत्रकार नही सुधरे तो कुछ समय बाद जनता इन्हें स्वयं सुधारेगी जो शायद कुछ ज्यादती होगी और जिसमें अच्छी मानसिकता वाले भी आ जायेंगे।
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