क्या लिखूं –किस पर लिखूं,
स्वयं समस्याओं से जूझते हुए विकास की ओर अग्रसर,
अपने देश पर लिखूं ,..... या ,
जो स्वयं बर्बाद हो चुके ,अब हमें बर्बाद करने की सोच रहे,
ऐसे पड़ोस पर लिखूं ।
भ्रष्ट व्यस्था से त्रस्त, सभी, आम आदमी और भ्रष्टाचारी भी ,
भ्रष्टाचार पर लिखूं , … या ,
सारे अधिकार होते हुए भी ,राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री,चिंतित
और लाचार पर लिखूं ,
नशे से बरबाद होती हुयी जवानी,समाज,परिवार,रिश्ते और
रिश्तेदार पर लिखूं , ….या ,
नशे का बढ़ता व्यापर,व्यापारी और इनसे समृद्ध होती सरकार की
आय पर लिखूं।
राम,कृष्ण,बुद्ध,महावीर,सीता,सावित्री,लक्ष्मीबाई और चेनम्मा के
उज्जवल चरित्र पर लिखूं ,…..या ,
धन के लिए बिकते व दिखाते तन, अतिमहत्वाकांक्षी आधुनिकाओं के
कलुषित मन पर लिखूं ।
ये देश“है”वीर जवानों का, पर लिखूं….या,
ये देश “था”वीर जवानों का पर लिखूं
जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, पर लिखूं …या
अब डाल-डाल पर बिकती शराब की बोतलों और थैलियों पर लिखूं……….. ………………………………………………………………….क्या लिखूं किस पर लिखूं .... ?
सचमुच क्या लिखूँ, किस पर लिखूँ, कभी कभी यह प्रश्न तो आता है सामने। क्यों न ऐसा किया जाय कि धीरे धीरे समय निकाल कर सभी बिषयों पर लिखने की कोशिश की जाय।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
क्या लिखूं........आपने तो मुझे भी चिन्ता में डाल दिया।
ReplyDeleteआप जिन विषयों पर लिखने की सोच रहें है..उन पर हमारे नेता थोडा सा भी सोच लेते तो अपने को लिखना ही नहीं पड़ता शायद!लेकिन इन नेताओं की नाकामी से बहुत से विषय है लिखने को...
ReplyDeleteबड़े भाई, आपका मूल मन्त्र तो "दूसरो को टेंसन दो" था, खुद ही टेंसन में आ गए ???
ReplyDelete