उत्तराखंड में नौवीं कक्षा में पढने वाले छात्र प्रधान मंत्री का नाम नहीं बता पाए कुछ हिन्दी के शब्द नहीं लिख पाए ये उत्तराखंड की शिक्षा की पोल है जिसके अध्यापक वेतन बढ़ाने के लिए हड़ताल पर हड़ताल करने केलिए आम जनता की नजरों में गिर चुके हैं और जिस काम के लिए वेतन लेते हैं उसका हाल भी सभी ने देख लिया है ,दूसरी तरफ़ सरकार का भी तरीका ये है कि वह पढाई के लिए छापा नहीं मारती बल्कि स्कूल में भात ठीक तरीके से बनता है या नहीं इसके लिए छापा मारती है इस पर एक पोस्टर (मेरा ) यहाँ तिराहे पर चर्चित हो रहा है ।
दूसरा ............ कुछ दिन पहले उत्तराखंड सरकार के आयोग ने उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण नहीं बन सकती का निर्णय दिया ,जबकि जनभावनाओं में गैरसैण ही सबसे उपयुक्त स्थान है ,पर अगर मनमर्जी न चलाये तो सरकार किस बात की उसके लिए भी ये पोस्टर है
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