(अंकल)नेहरू के नेतृत्व की जगह किसी और के नेतृत्व
में सरकार बनती तो........?
शायद हमारे महान नेताओं में और भी बहुत से स्वतंत्रता
शायद हमारे महान नेताओं में और भी बहुत से स्वतंत्रता
सेनानी जिनको आज भी सरकारें भूल जाती हैं,जिनका योगदान किसी से कम नहीं था, उन्होंने कालेपानी की सजा
उनको, जो अपनी सुविधानुसार अंग्रेजों की कुछ सुविधाजनक
जेलों में आराम करने चले जाते थे ,आम जनता को दिखाने के
लिएअनसन और उपवास रखा करते थे ।
जैसे आज जसवंत सिंह ने जिन्ना को महान बताने के लिए किताब लिखी है ऐसे ही बहुत पहले से और भी बहुत से लोग किताबें लिखते रहे हैं उनमें से एक हैं गुरुदत्त,जिन्होंने उपन्यासों ,
कहानियों को ऐतिहासिक तिथियों के आधार पर लिखा है ।
उनकी एक किताब है "भारत गाँधी-नेहरू की छाया में" (१९६८ में प्रकाशित) जो तथ्यों व तर्कों से परिपूर्ण विवेचना है और इनकी कमियों व गलतियों को उजागर करती है ।
आज देश का इतना बुरा हाल जो है वह अंकल नेहरू की ग़लत
जैसे आज जसवंत सिंह ने जिन्ना को महान बताने के लिए किताब लिखी है ऐसे ही बहुत पहले से और भी बहुत से लोग किताबें लिखते रहे हैं उनमें से एक हैं गुरुदत्त,जिन्होंने उपन्यासों ,
कहानियों को ऐतिहासिक तिथियों के आधार पर लिखा है ।
उनकी एक किताब है "भारत गाँधी-नेहरू की छाया में" (१९६८ में प्रकाशित) जो तथ्यों व तर्कों से परिपूर्ण विवेचना है और इनकी कमियों व गलतियों को उजागर करती है ।
आज देश का इतना बुरा हाल जो है वह अंकल नेहरू की ग़लत
व जिद भरी नीतियों के कारण ही है। क्योंकि भारत की
भोली-भाली जनता ने आँख बंद करके इनपर भरोसा किया था ।
जाहिर है इनकी सरकार न बनती तो शायद पाकिस्तान न बनता ,
जाहिर है इनकी सरकार न बनती तो शायद पाकिस्तान न बनता ,
शायद महान की श्रेणी में कुछ सही और सच्चे आदर्श वादी नेता होते ।
हाँ शंकर जी गुरुदत्त की वह किताब पढ़ने का अवसर मिला है। आप बहुत हद तक ठीक कह रहे हैं।
ReplyDeleteएक विचारणीय पोस्ट लिखी है।आप ने बहुत सही लिखा है।
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