वो तथाकथित मानवाधिकारवादी ... नेता ........क्या अब भी मुहं उठाये बिना शर्म महसूस किए दिखाई दे रहे हैं ।........................................................................................................................................
बाटला हॉउस (दिल्ली) की मुठभेड़ को फर्जी और पुलिस के जांबाज लोगों की शहादत पर ऊँगली उठाने वाले "वो" तथाकथित मानवाधिकारवादी (स्वयं सभ्य, activist ) और उनकी बातों में आने वाले "नेता" जो चिल्ला-चिल्ला कर अपने बाल नोचते हुए ,आँखे बंद करके इस मुठभेड़ को एकदम नकली घोषित करार दे रहे थे ,क्या अब भी मुहं उठाये बिना शर्म महसूस किए दिखाई दे रहे हैं ?
और टी.वी.चैनल भी केवल अपनी नाक बचाने को इस समाचार को दिखा गए बस।
यह तो बहुत से लोगों ने कहा है... आप इसे दोहरा भर रहे हैं.. कोई फ़ायदा नहीं. कुछ ऐसा लिखिये जो लोगों को नया लगे और जिसे पढने की जरूरत जान पडे
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