अंग्रेज हम पर दो सौ साल राज कर के गए हैं। अपने विचार ही नहीं
जींश तक (कुछ लोगों में) छोड़ कर गए हैं । वो सब इकट्ठे होकर तुम्हारा साथ देंगे ।
ये लो भई प्रगतिशील बुद्धिजीवियो(बौद्धिक नक्सलवादियो),
तुम्हारे अनुकरण के लिए पश्चिम से एक और अनुकरणीय
कर्म की ख़बर आ गई है। देख लो(फोटो में ) और तैयारी शुरू कर
दो। हाँ, शुरुआत अपने घर-परिवार से करना,न्यूज चैनल वाले
-वालियां अपने को थोड़ा सा, "और" आधुनिक सोच वाला बना लो,पर
अनुकरण करने से पहले अपने विज्ञापन दाताओं से जरुर पूछ लेना।
तुम्हारे अनुकरण के लिए पश्चिम से एक और अनुकरणीय
कर्म की ख़बर आ गई है। देख लो(फोटो में ) और तैयारी शुरू कर
दो। हाँ, शुरुआत अपने घर-परिवार से करना,न्यूज चैनल वाले
-वालियां अपने को थोड़ा सा, "और" आधुनिक सोच वाला बना लो,पर
अनुकरण करने से पहले अपने विज्ञापन दाताओं से जरुर पूछ लेना।
शुरू में थोड़ी दिक्कत आएगी ,क्योंकि पूरे कपड़े पहने हुओं की भीड़ में
अभी तक कम, कपड़े वालियां ही ठीक से सहज नहीं हो पाई ,(इसीलिए तो
सबको कम कपड़े पहनने की प्रेरणा देती हैं जिससे वह अलग न लगें),
ये तो एकदम नग्न हो जाने की बात है,कोई कैसे मानेगा। क्योंकि ये
चाहेंगी सब नग्न हों जिससे ये अलग न दिखें। और ज्यादा दिक्कत
आई तो कानून है ना ,उसमे कुछ न कुछ ऐसा होगा जो तुम्हारे
हित में होगा ।
अभी तक कम, कपड़े वालियां ही ठीक से सहज नहीं हो पाई ,(इसीलिए तो
सबको कम कपड़े पहनने की प्रेरणा देती हैं जिससे वह अलग न लगें),
ये तो एकदम नग्न हो जाने की बात है,कोई कैसे मानेगा। क्योंकि ये
चाहेंगी सब नग्न हों जिससे ये अलग न दिखें। और ज्यादा दिक्कत
आई तो कानून है ना ,उसमे कुछ न कुछ ऐसा होगा जो तुम्हारे
हित में होगा ।
आख़िर जब इंग्लैंड में हो सकता है, तो यहाँ क्यों नहीं ?
अंग्रेज हम पर दो सौ साल राज कर के गए हैं। अपने विचार ही नहीं
जींश तक (कुछ लोगों में) छोड़ कर गए हैं । वो सब इकट्ठे होकर
तुम्हारा साथ देंगे । और कोई दे न दे, टी.वी.और फिल्मों वाले तो हैं ही
कुछ प्रोफेसर,कुछ समाजशास्त्री,कुछ लेखक-पेंटर-कलाकार व
मानवाधिकारवादी सामाजिक कार्यकर्त्ता,एन.जी.ओ.आदि ,मतलब हर जगह
तुम्हें अपने सहायक मिल जायेंगे । इसलिए हो जाओ तैयार।
अंग्रेज हम पर दो सौ साल राज कर के गए हैं। अपने विचार ही नहीं
जींश तक (कुछ लोगों में) छोड़ कर गए हैं । वो सब इकट्ठे होकर
तुम्हारा साथ देंगे । और कोई दे न दे, टी.वी.और फिल्मों वाले तो हैं ही
कुछ प्रोफेसर,कुछ समाजशास्त्री,कुछ लेखक-पेंटर-कलाकार व
मानवाधिकारवादी सामाजिक कार्यकर्त्ता,एन.जी.ओ.आदि ,मतलब हर जगह
तुम्हें अपने सहायक मिल जायेंगे । इसलिए हो जाओ तैयार।
जो न हो जाए, वो कम है।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
धन्य हुए !!
ReplyDelete