मेरे देश की धरती, जो कभी देश के लिए सोना उगलती थी,
आज ,उद्योगपतियों ,बिल्डरों ,नेताओं के लिए सोना उगलती है।
देश का अपना(स्वदेशी) सबकुछ ख़त्म हो रहा है,क्योंकि
देश की उपजाऊ भूमि पर उद्योग,कालोनियां(सेज)के नाम पर
“सरकार बनवा रही है”।
वर्तमान स्थिति,हमारे पूर्व नेताओं की (अ)दूरदृष्टि का फल
है, वर्तमान नेताओं की करनी का फल भविष्य में कैसा होगा।
जनता को खुद ऐसे नेता पैदा करने होंगे जिन पर वह खुद नियंत्रण रख सके।
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