मेरी पिछली पोस्ट ( अंग्रेज गए औलाद…..)बहुत ही लम्बी हो गई थी
इसलिए ये पोस्ट नहीं “पोस्टर” दे रहा हूँ जिसे यहाँ के चौक पर भी लगाया है। उसका फोटो है, जिसमे एक शब्द आया है “सपाड़ा”(सपाड़ेंगे)इसका मतलब होता है,"करना" जैसे “काम सपाड़ा”। इसका इस्तेमाल, व्यंग के रूप में तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति कुछ भी काम न कर पाये ।
इसलिए ये पोस्ट नहीं “पोस्टर” दे रहा हूँ जिसे यहाँ के चौक पर भी लगाया है। उसका फोटो है, जिसमे एक शब्द आया है “सपाड़ा”(सपाड़ेंगे)इसका मतलब होता है,"करना" जैसे “काम सपाड़ा”। इसका इस्तेमाल, व्यंग के रूप में तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति कुछ भी काम न कर पाये ।
आपकी पोस्ट के शीर्षक से यह भी मालूम हुआ है कि पोस्टर से ही पोस्ट अथवा पोस्ट से ही पोस्टर शब्द का जन्म हुआ होगा। इस जानकारी को शब्दों के सफल सफरर श्री अजित वडनेरकर जी तक पहुंचायें। पर यह तीर न होकर तुक्का है पर शायद तीर बन जाए।
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