टेंशन लेने का नहीं लल्लू .......... देने का !
जनाब , आप कुछ भी फ़लसफ़ा देते स्रहें ,जब तक साँस है ,तब तक आस है ,तो जिन्दा शख्स के लिए आज के वक्त में पैसे से बड़ा कुछ नहीं ,कुछ भी नहीं ।
sareetha ji se mein bilkul sahmat hoon ...मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
पैसा सब कुछ नहीं है...लेकिन फिर भी बहुत कुछ है....और आजकल ज़माना भी पैसे का ही है..सो...ये तो चलता ही रहेगा...
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जनाब , आप कुछ भी फ़लसफ़ा देते स्रहें ,जब तक साँस है ,तब तक आस है ,तो जिन्दा शख्स के लिए आज के वक्त में पैसे से बड़ा कुछ नहीं ,कुछ भी नहीं ।
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पैसा सब कुछ नहीं है...लेकिन फिर भी बहुत कुछ है....और आजकल ज़माना भी पैसे का ही है..सो...ये तो चलता ही रहेगा...
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