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Wednesday, March 18, 2009

पैसा

"पैसा" सब कुछ है, (कंगाल के लिए)।
पर;
कुछ भी नहीं है
(मरने वाले के लिए)
क्योंकि ;
बचा नहीं सकता मृत्यु से,
पर;
कारण बन सकता है मृत्यु का।
इस कलियुग में देखो तो,
पैसा ही सब कुछ है
पर ;
गौर से देखो तो,
कुछ भी नहीं है।

3 comments:

  1. जनाब , आप कुछ भी फ़लसफ़ा देते स्रहें ,जब तक साँस है ,तब तक आस है ,तो जिन्दा शख्स के लिए आज के वक्त में पैसे से बड़ा कुछ नहीं ,कुछ भी नहीं ।

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  2. पैसा सब कुछ नहीं है...लेकिन फिर भी बहुत कुछ है....और आजकल ज़माना भी पैसे का ही है..सो...ये तो चलता ही रहेगा...

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