सचिन का एक और “रिकॉर्ड ”... !
इसी की कमी थी ,चलो... ! बन गया ।
अब... कुछ भूखों को रोटी मिल जाएगी ,कुछ नंगों को कपडा ,
कुछ बीमारों को दवाएं ।
क्योंकि सचिन ने “रिकॉर्ड ” बना लिया।
राष्ट्रपति ,प्रधान मंत्री, ने बधाई दे दी,
सचिन ने भी “रिकॉर्ड” देश को समर्पित कर दिया।
कुछ विशेषज्ञों को चैनलों व पत्र-पत्रिकाओं में
विश्लेषण का अवसर मिलेगा (कमाई का भी)।
चैनल व पत्र-पत्रिकाएं तो सचिन के नाम पर पहले ही कमा रहे हैं।
मतलब…. सचिन किसी को कुछ दे, ना दे; पर सब उससे खुश हैं कि उसने देश के लिए रिकॉर्ड बनाया।
अब इससे, देश ने क्या कमाया….? पता नहीं।
पर, सचिन कहाँ से कमाता है…..? विज्ञापनों से ।
कौन से विज्ञापनों से...?
उन बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के, जो हमारे देशवासियों को मूर्ख बना कर लूट रहीं हैं।
इन कम्पनियों ने और इनके सचिन ने हमारे देश वासियों के लिए शायद आज तक कुछ नहीं किया।
अपने लिए हो सकता है कुछ मंदिरों में दान जरुर दिया हो, पर किसी गरीब के लिए क्या किया है।
कोई बता सके तो अवश्य बताना। ( ये बात सभी क्रिकेटरों पर लागू होती है कि, ये खुदगर्ज-या स्वार्थी होते हैं)।
मैं क्रिकेट और क्रिकेटरों का प्रशंसक होते हुए भी इनका (इस विषय में ) आलोचक हूँ।
जो समाज और देश इनको महान कह कर पुकारता है ,ये (क्रिकेटर) देश और समाज के लिए क्या करते हैं ये बताएं।
shankarji, pareshan mat hoiye..yahi dastur hota he aour..sachin fizul me mahan nahi bana he..usane jo kar dikhayaa shayd esa birle hi karte he...bhagvaan krashn ke samay bhi bhookhe nange log rahaa karte the janaab.../ mahaan bananaa aasaan nahi hota usake liye apna 100 fisadi denaa hota he..aalochna yaa kisi tarah ki vaampanthi soch bahut aasaan hoti he.../ kher..
ReplyDeleteक्या कहें ?
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