अब रैंगिंग पर सरकार जुर्माना लगायेगी,
लगता है इससे रैंगिंग पर रोक लगेगी, पर कुछ हद तक ;
क्योंकि ज्यादातर रैंगिंग करने वाले छात्र
उन बड़े बापों के “होनहार”(स )पूत होते हैं;
जिनके लिए ढाई लाख रूपये एकाध घंटे का
मनोरंजन होता है।
पिछले दस-पन्द्रह साल से जिस तरह की रैंगिंग
की घटनाएं सुनाई दे रहीं हैं उससे लगता है
कि कहीं न कहीं हमारी स्कूली शिक्षा में दोष है।
जो मानसिक विकृति पैदा कर रही है।
ध्यान देने की बात ये है कि ये रैंगिंग करने वाले छात्र
बड़े-बड़े पब्लिक स्कूलों में पढ़े लिखे छात्र होते हैं।
जहाँ पैसा पानी की तरह बहाया जाता है।( अब तो पानी भी कम ही मिलताl है)।
और शिक्षा उनको कैसी मिलती है ,ये, उनके कॉलेजों में आकर पता लगता है।
ऎसी अच्छी शिक्षा से गुंडे-बदमाश पैदा होते हैं तो शिक्षा में बदलाव की भी जरुरत है ।
लगता है इससे रैंगिंग पर रोक लगेगी, पर कुछ हद तक ;
क्योंकि ज्यादातर रैंगिंग करने वाले छात्र
उन बड़े बापों के “होनहार”(स )पूत होते हैं;
जिनके लिए ढाई लाख रूपये एकाध घंटे का
मनोरंजन होता है।
पिछले दस-पन्द्रह साल से जिस तरह की रैंगिंग
की घटनाएं सुनाई दे रहीं हैं उससे लगता है
कि कहीं न कहीं हमारी स्कूली शिक्षा में दोष है।
जो मानसिक विकृति पैदा कर रही है।
ध्यान देने की बात ये है कि ये रैंगिंग करने वाले छात्र
बड़े-बड़े पब्लिक स्कूलों में पढ़े लिखे छात्र होते हैं।
जहाँ पैसा पानी की तरह बहाया जाता है।( अब तो पानी भी कम ही मिलताl है)।
और शिक्षा उनको कैसी मिलती है ,ये, उनके कॉलेजों में आकर पता लगता है।
ऎसी अच्छी शिक्षा से गुंडे-बदमाश पैदा होते हैं तो शिक्षा में बदलाव की भी जरुरत है ।
रैगिंग पर पूर्ण अंकुश हो जाना चाहिये. एक स्वस्थ परंपरा का यह रुप बना दिया है कि क्या कहा जाये.
ReplyDeleteकालेजों में स्वस्थ मानसिकता के साथ शुरू किया गया हंसी मजाक आगे चलकर इतना वीभत्स रूप धारण कर लेगा .. यह तो किसी ने भी सोंचा न था .. इसपर पूर्ण अंकुश लग जाना चाहिए ।
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