मजबूर(बंधुआ मजदुर) पार्टी कार्यकर्त्ता
टी वी चैनल (कमाई के लिए मज़बूरी)
संजय दत्त की (गाँधी गिरी) जय- जय बोलेंगे ही।
फिल्म की कथा- पटकथा लिखने वाला ऐसा
नहीं लिखता तो न संजय दत्त होता न अमिताभ
बच्चन।लेखक गुमनाम ही रहा।
अब चुनाव में देखना है की आम
वोटर किस स्तर तक भोला(मुर्ख)है।
जो दिखता है वही बिकता है आम जनता तो इसी को मानती है। जाहिर है भरम में जीती है।
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