एक और" गणतंत्र दिवस"
कल से फिर भूल जायेंगे,आज झंडे फहराएंगे,नारे लगायेंगे भाषण सुनायेंगे,देशभक्ति के गीत गाएंगे कल से फिर भूल जायेंगे। क्योंकि सब दिखावे के लिए होता है। भीड़ के नेता ही जब दिखावा करते आ रहे हों(पिछले ६० सालों से)तो भीड़ तो नेताओं की पिछलग्गू होती ही है।
पर किसलिए?
केवल पैसे के लिए।
पर ये(पैसे के लिए भ्रष्ट)नहीं जानते की "पैसा भी केवल दिखावा ही करता है"। बड़ा छलिया होता है।
पैसे से अगर जिन्दा रहा जा सकता या सम्मान प्राप्त किया जा सकता तो बड़े - बड़े भ्रष्ट(या इमानदार भी)आज पूरी दुनिया पर छाये होते मरते नहीं।
" देशभक्ति"
देशभक्ति,सबके भीतर है, पर केवल दिखाने के लिए। "भारत माता की जय" सब बोलते हैं,पर माता से माँ जैसा व्यव्हार कोई नहीं करता। सभी इस कोशिश में होते हैं की कैसे लूटने का मौका मिले। इसीतरह क्रांतिकारियों को याद तो सब करते हैं पर उनके आदर्शों, उनके उसूलों से सब कन्नी कट जाते हैं।
किसलिए?
शायद पैसे के लिए;
ये भूल जाते हैं की उन्होंने कितने प्रलोभनों को ठुकरा कर फांसी और गोली चुनी थी।
तब भी लालची(भ्रष्ट) लोग सम्मान प्राप्त करने के लिए जुगाड़ लगाते थे आज भी कुछ ऐसे ही लोगों को सम्मान प्राप्त करने में शर्म नहीं आती। इन सम्मानितों को ये अहसास भी नहीं होता की साधारण जनता के मन में इनके प्रति कितना सम्मान है। इनके पाले हुए कुछ लोगों के द्वारा अपनी जय-जयकार से ये लोग मुग्ध रहते हैं।
सौ में निन्यानब्बे बेईमान, फिर भी मेरा देश महान।
वास्तव में!
केवल सौवे ईमानदार व्यक्ति के कारण अगर मेरा देश महान हो सकता है तो ,
अगर सौ में से निन्यानब्बे ईमानदार होते तो
क्या होता ?
जारी..........
हम भी आपकी बात से सहमत हैं . उम्मीद करते हैं कि आपका मत जनमत बने और भारत की तस्वीर बदले.
ReplyDeleteक्या सोचते हैं एक ब्लॉग से सब बदल जाएगा "पत्थर तो मारो पानी में हलचल मचेगी दरिया में कुछ तबियत मचल ही तो जायेगी "
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteबहुत अच्छा......गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
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