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Thursday, January 15, 2009

गोल्डन ग्लोब

“संगीतकार ऐ आर रहमान को पुरस्कार”
(लगता है, सच में आने वाला समय
भारत और भारतीयों का है; तभी तो,)
जिस गीत में “जय हो” के आलावा कुछ समझ
नहीं आ रहा उसे पुरस्कार मिल जाना
किस्मत खुल जाना ही है।

तभी स्वयं रहमान को भी "अनबिलीवेबल"
लगा। इनके और गाने इससे ज्यादा अच्छे हैं

2 comments:

  1. अफ़सोस मैं आज तक टेंशन पॉइंट नहीं देख पाया. आप काफी अच्छा लिखते हैं. जय हो गाने में अगर कुछ समझ आता तो न्यूज चैनल वाले दिन भर उसे ही दिखाते.

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  2. रावण और उसके खानदानियों को लगता था कि केवल वे ही सभ्य हैं
    वैसे ही आज के इन कल्चर्ड लोगों को लगता है ये इनकी बहन बेटियाँ भी सूर्पनखा ही बनना चाहती हैं आप ने बिल्कुल ठीक लिखा है धन्यवाद

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