“उत्तरायणी” शुभ का आरम्भ; त्यौहारों का आरम्भ; उजियारे का आरम्भ; उल्लास का आरम्भ ; “परंपरागत पर्वों” के बारे में “बड़े शहरों” में रहने वालों को कम ही पता होता है। हाँ; जो "अपने मूल से जुड़े"होते हैं; वह इन त्यौहारों को जानते व मानते हैं।
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