एक विक्षिप्त परिवार (ठाकरे) के कारण पूरा देश,देश का कानून, देश का संविधान, देश के नेता और देश का आम जन (मराठी भी) परेशान हैं। इन सबसे ज्यादा समाचार जगत (मीडिया) के लोग परेशान हैं, "कि ये मराठी मानुष कहीं दिमागी रूप से ठीक ना हो जाएँ" क्योंकि फिर इनका (मीडिया का) समय कैसे कटेगा कमाई भी कम हो जाएगी।
एक बात की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दे रहा कि "जो पुलिस व कानून व्यवस्था राहुल गाँधी के वहां जाने पर की गयी थी,वो उस समय कहाँ जाती है जब ये विक्षिप्त लोग मुम्बई में लोगों को परेशान कर रहे होते हैं”। इसका मतलब क्या है ?क्या देश का कानून इन पागलों को नहीं रोक सकता ? क्या ये देश के संविधान से ऊपर हैं ? क्या केंद्र सरकार के पास इन्हें खामोश करने का संवैधानिक अधिकार नहीं हैं…?
जो सुरक्षा व्यवस्था राहुल गाँधी के लिए की गयी वह आम आदमी के लिए नहीं हो सकती…?
समाचार जगत के बंद-दिमाग और खुली आँखों वाले लोगों को राहुल गाँधी में कैसे बहादुरी दिखाई दे रही है ? लगता है कांग्रेस से माल-मत्ता ज्यादा मिलता है,
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