पूछो जरा उनसे जो “सच” में करोड़पति नहीं हैं, “वैसे मेरी नजर में तो शायद ही कोई हो, जो करोड़पति न हो”।
ये भारत की संसद है यहाँ भूखा-नंगा भी अगर पहुँच जाए तो एक वर्ष में ही हमारी संसद उसे करोड़पति बना देती है,
उसके बाद तो वह “कई करोड़” पति होने का रास्ता पा लेता है। जो पहले से ही करोड़पति हो वह चुनाव में पैसे खर्च क्या नाम कमाने के लिए करता है….?
करोड़ लगा कर सौ करोड़ नहीं कमाए तो संसद किस काम की। आख़िर पूंजी निवेश करते ही किसलिए हैं…?
इस संसद का यारो…ओ..ओ.ओ इस संसद का यारो क्या कहना,
ये लोकतंत्र का है गहना …
यहाँ भोली शक्लें नेताओं की,नेता-पुत्र अंग्रेजी युवाओं की,
इन छुपे चेहरों का क्या कहना, ये लोकतंत्र का हैं गहना।
क्या शान है इन बेशर्मों की,क्या बखान करें कुकर्मों की ,
....................................ये लोकतंत्र का है गहना ....... ।
bahut achcha laga...... bilkul sahi kaha aapne....
ReplyDeleteAaj kee date me kuch nahee balki saare ke saare sadasy karod pati hain !
ReplyDeletethis is very known fact. sansad kya aap kuch specific department ko dekh lo, there are many peons, who are crorepati......
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