"कौन बनाएगा....?
लगे हैं। अपने आर्थिक और राजनितिक हित के लिए थूका हुआ(दूसरों का
भी) चाटने में कोई झिझक नहीं होती।
2. वो अधिकारी…?जिन्होंने अंग्रेजी चश्मे पहन कर नेताओं और दलालों के साथ मिल कर इस देश को लूट कर लगभग सौ लाख करोड़ रूपये विदेशी बैंकों में जमा किए हुए हैं।
3. वो डॉक्टर…? जिन्होंने शैतान के जैसे काम करने और धन कमाने को ही अपने जीवन की सार्थकता समझ लिया हो।
4. वो इंजिनियर…?जो भ्रष्टाचार में इतने ज्यादा लिप्त हैं जैसे जलेबी बक्खर मेंलिपटी होती है।
5.वो शिक्षक…?जो कर्तव्यों की शिक्षा देना भूल कर स्वयं अकर्मण्य हो गए केवल अपने अधिकार याद रखते हैं,शिक्षा जाए भा……. में कहते हैं।
6. वो उद्योगपति…?जो गरीब जनता को लूटना ही अपने उद्योग का उद्देश्य मानने लगे नेताओं-अधिकारीयों के साथ मिल कर जो लूट सके वही सफल है कीमान्यता बना दी।
7.वो समाजसेवी…? जो नेताओं-अधिकारीयों कर्मचारियों के हित साधने के काम आने लगे या विदेशियों के मोहरे बनने लगे।
8. वो संत-सन्यासी…?जिन्होंने इस लुटते-पिटते देश में , बरबाद होते देश में
बुराईयों को देख कर भी अनदेखा किया और कर रहे हैं। स्वयं भी उसी
रंग(कीचड़)में रंग गए, दुनिया माने न माने स्वयं जगतगुरु बन बैठे।
9. वो लेखक – विचारक …? जिन्होंने अपनी बुद्धि की एक ही खिड़की खुली छोड़ रखी है, जो एक ही तरह के विचारों को सही मानते हैं, निष्पक्ष रह कर सोच ही नहींसकते।
10. वो पत्रकार...?जो प्रथम रहने के लिए कुछ भी करने को राजी हैं, गुड़ को
गोबर-गोबर को गुड कहने से पहले देखना या जानना उन्हें पीछे हो जाने
का खतरा लगता है ।
11.वो आम जनता...?जो भूखे नंगे रह कर भी किसी हीरो-हिरोईन के लिए या
अपने भ्रष्ट नेता के लिए जय-जय कार करते हुए मारे जाते हैं।
और सब तो किसी लालच में ऐसा कर रहे हैं .. पर ताज्जुब है हमारी जनता का .. जो भूखे नंगे रहकर सबकी जयजयकार लगाती है !!
ReplyDeleteयार फुलारा साहब, इसी भ्रष्टता के बिंदु पर तो हम देश को महाशक्ति बनाने की सोच रहे है :)
ReplyDeleteवो ब्लॉगर...इन्हे काहे छोड़ रहें है? लपेट लें. :)
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