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Friday, May 8, 2009

“पप्पूजी परेशान न हों ”

वोट न देने वाले पप्पू, तो वोट न देकर पप्पू बने ।
जिन्होंने वोट दिया है वो आने वाले पॉँच साल के लिए पप्पू बनने वाले है।
मतलब वोट देकर भी पप्पू ही बनना है।
पिछले पचास साल से वोट देने वाले पप्पू ही तो बन रहे हैं।
(वोट न देने वालों को जिस तरह पप्पू कहा जा रहा है। और ,पप्पू नाम के लिए जिस तरह से न्यूज चैनलों ने
एक स्वयं समझ सी विकसित कर दी है, जिसका अर्थ ऐसा बनरहा है जैसे मुर्ख समझा जा रहा हो। )

जब पप्पू बनना ही है तो वोट देकर ही पप्पू बनें
क्योंकि वोट देकर पप्पू बनने में कुछ ज्यादा मजा है।

जैसे जानबूझ कर करेले की कड़वी सब्जी खाते हैं ।

2 comments:

  1. भई बात तो आपकी सही है....आखिर बनना तो पप्पू ही है,चाहे वोट दें या न दें.

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