बहुत बड़ी समस्या है !
गोली से बचने के लिए तो बुलेट-प्रूफ कपड़े पहन लेते हैं ।
पर , जूतों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं जिसे पहना या ओढा़ जा सके ,
क्योंकि ये शरीर के साथ-साथ इज्जत पर भी हमला करता है ।
इसीलिए तो फैंक कर मारो न मारो केवल उछालना ही बहुत है ,
बाकि काम न्यूज चैनल वाले कर देंगे ,उन्हें भी तो उछालने के लिए
कुछ चाहिए । नेताओं ने कितनी इज्जत कमाई है ये भी पता चलता है।
जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता विचारों के लिए चाहिए वैसे ही जूता मारने के लिए भी
स्वतंत्रता की मांग न होने लगे ।
No comments:
Post a Comment
हिन्दी में कमेंट्स लिखने के लिए साइड-बार में दिए गए लिंक का प्रयोग करें