हाँ, मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ,
भारत मेरा जन्म स्थान,भारतीय मेरी पहचान है।
कभी आर्यावर्त के कारण आर्य ,
और अंग्रेजों के समय से इंडियन भी मैं ही हूँ ,
मैं प्रथम हूँ, प्राकृतिक हूँ,सास्वत हूँ॥
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ,
मेरे पूर्वजों ने मुझे वैदिक साहित्य,रामायण
महाभारत और गीता जैसे कई ग्रन्थ दिए, पढ़ने को
और,
श्रीराम,कृष्ण,महावीर,गौतम,शंकर,गुरु गोविन्द सिंह
जैसे कई चरित्र दिए,अनुसरण करने को,
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ,
मेरे पूर्वजों ने कभी भी मेरे विस्तार के लिए,
किसी को प्रलोभन नहीं दिया न किसी के प्राण लिए,
बल्कि,अपने पर हमला करने वालों के कई खून माफ़ किए
यही हमारे महापुरुषों ने उपदेश दिए।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
दुनिया के सभ्य होने से पहले सुसंस्कृत और सभ्य हूँ,
नारी रूपी आदि शक्ति, का उपासक हूँ,
सीता-सावित्री,मैत्रेयि,कात्यायनी,मीरा और लक्ष्मीबाई जैसे
चरित्रों में सबके लिए आदर्श चरित्र मानता हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता
सारे संसार में केवल मेरी ही अवधारणा है,
प्रकृति और पर्यावरण का उपासक भी केवल मैं ही हूँ,
मैं सम्पूर्ण हूँ मुझ में सब,सब में मैं हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
प्राकृतिक हूँ इसलिए सब में मेरा ही अंश है,
मैं सभ्यता हूँ मैं ही संस्कृति और धर्म हूँ ,
जिन्होंने मुझे जाना उनके अनुसार मैं ही,
सम्पूर्ण चराचर जगत का मर्म हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
पृथ्वी पर पाप,अनाचार,अत्याचार न बढ़ें
इसलिए पाप-पुण्य और पुनर्जन्म भी मेरी अवधारणा है,
अमर होते हैं आत्मा और परमात्मा मैंने ही सिद्ध किए,
अमरत्व के लिए न जाने कितने सूत्र दिए॥
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
मैं मूर्त और अमूर्त दोनों का उपासक हूँ
मानूं तो पथ्थर और कण-कण में भगवान मानूं,
न मानूं तो, सारी दुनिया को श्मशान मानूं।
हाँ सच, मैं स्वतंत्र हूँ, बाध्य नहीं हूँ ,
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
गीता,गंगा,गाय और गायत्री मेरे लिए पूजनीय हैं
मैं श्रद्धा हूँ पर तार्किक हूँ, मैं मार्मिक हूँ,
संवेदनशील मैं,चिन्तनशील मैं, सहनशील भी हूँ,
इसी लिए आदि से अनादि की ओर निरंतर गतिशील भी हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
मातृ देवो भव-पितृ देवो भव आचार्य देवो भव और,
अतिथि देवो भव, गुरु: ब्रम्हा,गुरु: विष्णु गुरु: देवो महेश्वर: ,
केवल मेरी ही मान्यताएं हैं मैं पारंपरिक भी हूँ,
भारत मेरा जन्म स्थान,भारतीय मेरी पहचान है।
कभी आर्यावर्त के कारण आर्य ,
और अंग्रेजों के समय से इंडियन भी मैं ही हूँ ,
मैं प्रथम हूँ, प्राकृतिक हूँ,सास्वत हूँ॥
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ,
मेरे पूर्वजों ने मुझे वैदिक साहित्य,रामायण
महाभारत और गीता जैसे कई ग्रन्थ दिए, पढ़ने को
और,
श्रीराम,कृष्ण,महावीर,गौतम,शंकर,गुरु गोविन्द सिंह
जैसे कई चरित्र दिए,अनुसरण करने को,
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ,
मेरे पूर्वजों ने कभी भी मेरे विस्तार के लिए,
किसी को प्रलोभन नहीं दिया न किसी के प्राण लिए,
बल्कि,अपने पर हमला करने वालों के कई खून माफ़ किए
यही हमारे महापुरुषों ने उपदेश दिए।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
दुनिया के सभ्य होने से पहले सुसंस्कृत और सभ्य हूँ,
नारी रूपी आदि शक्ति, का उपासक हूँ,
सीता-सावित्री,मैत्रेयि,कात्यायनी,मीरा और लक्ष्मीबाई जैसे
चरित्रों में सबके लिए आदर्श चरित्र मानता हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता
सारे संसार में केवल मेरी ही अवधारणा है,
प्रकृति और पर्यावरण का उपासक भी केवल मैं ही हूँ,
मैं सम्पूर्ण हूँ मुझ में सब,सब में मैं हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
प्राकृतिक हूँ इसलिए सब में मेरा ही अंश है,
मैं सभ्यता हूँ मैं ही संस्कृति और धर्म हूँ ,
जिन्होंने मुझे जाना उनके अनुसार मैं ही,
सम्पूर्ण चराचर जगत का मर्म हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
पृथ्वी पर पाप,अनाचार,अत्याचार न बढ़ें
इसलिए पाप-पुण्य और पुनर्जन्म भी मेरी अवधारणा है,
अमर होते हैं आत्मा और परमात्मा मैंने ही सिद्ध किए,
अमरत्व के लिए न जाने कितने सूत्र दिए॥
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
मैं मूर्त और अमूर्त दोनों का उपासक हूँ
मानूं तो पथ्थर और कण-कण में भगवान मानूं,
न मानूं तो, सारी दुनिया को श्मशान मानूं।
हाँ सच, मैं स्वतंत्र हूँ, बाध्य नहीं हूँ ,
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
गीता,गंगा,गाय और गायत्री मेरे लिए पूजनीय हैं
मैं श्रद्धा हूँ पर तार्किक हूँ, मैं मार्मिक हूँ,
संवेदनशील मैं,चिन्तनशील मैं, सहनशील भी हूँ,
इसी लिए आदि से अनादि की ओर निरंतर गतिशील भी हूँ।
हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूँ।
मातृ देवो भव-पितृ देवो भव आचार्य देवो भव और,
अतिथि देवो भव, गुरु: ब्रम्हा,गुरु: विष्णु गुरु: देवो महेश्वर: ,
केवल मेरी ही मान्यताएं हैं मैं पारंपरिक भी हूँ,
bahut badhiyaa aaryaputra..aisee hee likhtey rahiye aaur garv karte rahiye apnae hone kaa...bahut badhiyaa..bahut badhaai aapko.
ReplyDeleteहाँ मैं हिंदू हूँ
ReplyDeleteबाबरी मस्जिद मैंने गिरायी
ईसाईयों को कंधमाल में जलाया
मुस्लिमों को गोधरा में काटा
अपने ही हिंदुओं को दलित बनाया
अजमल कसब को सुरक्षा दी
अतिथि देवो भव!
हाँ मैं हिंदू हूँ!