काश:;
तिहाड़ में भी कोई ब्लोगर होता ;
वहां के हाल-समाचार ब्लॉग में लिख देता,
कैसे कट रहे हैं;
"सुरेश कलमाड़ी" के दिन और रातें,
"ए राजा";
क्या करता है दिन भर;
और कैसे भरता है आहें ,
"कनिमोड़ी";
की कैसी है हालत;
कैसे होती हैं पप्पा से बातें,
आँखों देखी-कानों सुनी;
सारी खबर "वो" देता,
काश: ........ तिहाड़ में भी कोई ब्लोगर होता |
कितना मजा आता !
अगर;
उसके पास कैमरा भी होता,
खाने की लाईन में लगे;
कलमाड़ी की फोटो खींच लेता,
कनिमोड़ी कैसी लगती है;
पकड़ कर खाने का कटोरा,
कि कैसे ए राजा;
अपने कपडे-बर्तन है धोता,
सारे फोटो;
"बड़े आकार" के,
"वो" ब्लॉग पर डाल देता;
काश: ......... तिहाड़ में भी कोई ब्लोगर होता ;
{खुदा न करे कि "किसी भी ब्लोगर" को किसी अपराधिक मामले में तिहाड़ जाना पड़े} |
अच्छा व्यंग :):)
ReplyDeleteअब आपसे ही उम्मीद लगाये बैठे हैं..प्लीज!! निराश न करियेगा. :)
ReplyDeleteतिहाड़ जेल में ब्लोगर ?
ReplyDeleteअच्छा व्यंग...........
bhai log mouj kaat rehe hai tihad me ,jelar ke sath chai pakodi ud rehi hai
ReplyDelete