अभी पंजे*नुकीले और मजबूत हैं मेरे, आँखें*और दिमाग*साथ देते है मेरे ।
क्यों घुसुं ? किसी दरार में अभी से , अभी लोग सोये हैं आराम से पलंग पे ।
जब; ज़माने का सवेरा होगा, मेरी जिल्लत होगी हाय रे !
घुसना ही होगा मुझे किसी दरार में।
अभी तो कोई... खटका भी नहीं हुआ ,
क्यों घुसूं ? मैं, किसी दरार में ।
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पंजे= मंत्रिमंडल, आँखें= राहुल गाँधी, दिमाग= सोनिया गाँधी ।
हा-हा-हा .. देखिये न एक रिटार्ड देश के साथ कितना भद्दा मजाक कर रहा है !
ReplyDeletewaaaaaaaaaaaaaah !
ReplyDelete.......अभी तो कोई... खटका भी नहीं हुआ...
ReplyDeleteपंजे= ?
आँखें= ?
दिमाग= ? ....हा-हा-हा ..