“स्वादिस्ट फल”,
खाना तो सभी चाहते हैं ,
पर;
वृक्ष लगाना (सींचना,सुरक्षा और देखभाल)
कोई नहीं चाहता ।
जब मरना ही है,
तो;
जीना क्यों ?
भूख ; फिर लगेगी,
भोजन ;
करना क्यों ?
फिर रात होनी है,
सुबह,
फिर; जागना क्यों ?
अँधेरा व्याप्त है,
चहुँ ओर ;
घर में, दिया जलाना क्यों ?
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