आख़िर क्यों न जीतें.......? अंग्रेजों के ज़माने की पार्टी है ; अंग्रेजों ने बनाई – अंग्रेजों ने सिखाई,
"फुट डालो और फायदा उठा लो" अंग्रेजों ने ही सिखाया है वो तो बीच में जरा कुछ समय के लिए राष्ट्रवादी भावनाएं....,
जातिवादी भावनाएं..... उफान मार गयीं; लेकिन उन सबको क्षेत्रवादी भावनाओं ने दबा दिया। दूसरा, व्यक्तिवादी पूजा केवल कांग्रेसी ही कर सकते हैं जो आम भारतीयों के लिए अफीम का कम करता है। यही जीत का महा मंत्र है।
इसमें दो राय नहीं है कि ये पार्टी अग्रेजों के जमाने की पार्टी है...लेकिन अभी जो सफलता इसे मिली है उस पर इस तरह कुछ कहना ठीक नहीं है
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