ताजा प्रविष्ठियां

Sunday, February 22, 2009

शराब

बहुत बुरी चीज है दारु,
सरकार जन-हित में बताती है
पर
अपने ठेकों पर स्वयं-हित में खूब बिकवाती है।

इसकी दादागिरी वाला कानून देखो ,
कोई और बेचे तो गैरकानूनी बता कर जेल भिजवाती है।

3 comments:

  1. वो करें तो पुण्य हम करें तो पाप।
    सही भी है, एक को मारने वाला हत्यारा, सौ को मारने वाला फौजी तथा हजारों को मारने वाला भगवान हो जाता है।

    ReplyDelete
  2. बहुत सटीक व प्रमाणिक विरोध दर्ज किया है।सही लिखा है।

    ReplyDelete
  3. वाह भाई वाह क्या खूब लिखा है
    बधाई लिखते रहो

    ReplyDelete

हिन्दी में कमेंट्स लिखने के लिए साइड-बार में दिए गए लिंक का प्रयोग करें