लो बन गया कानून ! मीडिया अभूत पूर्व ख़ुशी “मनवाएगा”कानून की एक-एक खूबी गिनवायेगा, सिविल सोसायटी के अंध भक्त भी बम-पटाखे फोड़ेंगे, किसी की जय-जयकार से गली-गली गूंजेगी, महिलाएं भी नाचेंगी क्योंकि टी.वी. में दिखेंगी। ऐसा माहौल बनाया जायेगा जैसे आजादी मिल गयी हो। इसके आगे सबकुछ धुन्धला दिया जायेगा। इस कानून से कैसे गरीब को रोटी मिलेगी,कैसे बेरोजगारों को काम मिलेगा,भ्रष्टाचारी कैसे पकडे जायंगे कैसे रिश्वत खोरी बंद हो जाएगी सब दिखाया जायेगा। हाँ ! जो चार सौ लाख करोड़ काले धन की बात जनता में है उसे कोई याद नहीं दिलाएगा।
बस सब कुछ मिल गया जैसे; ऐसा दिखाया जायेगा।
सब खुश ! सिविल सोसायटी ऑफ सेकुलर "ब" (कांग्रेस समर्थक), कहेंगे हमने इसलिए कांग्रेस के विरोध को गलत बताया था। सिविल सोसायती ऑफ सेकुलर "अ"(कांग्रेस विरोधी) बोलेंगे कि हमने दबाव बनाया तभी ये बिल आया। जो भी हो अब सब कांग्रेस के गुण गायेंगे, धन्यवाद करेंगे और बताएँगे कैसे इस कांग्रेस ने समय-समय पर कौन सा कानून दिया है जैसे सूचना का कानून जैसे १८ वर्ष में मताधिकार का कानून, शिक्षा का अधिकार कानून,रोटी का अधिकार कानून…… इत्यादि- इत्यादि। इन कानूनों द्वारा जनता को बेशक मूर्ख बनाया जा रहा है; पर कानून तो बना है ना !
और ख़त्म होती कांग्रेस को संजीवनी मिल जाएगी इसी के बीच में आम जनता को पता लगेगा कि युवराज को नेता (पी.एम के लिए) चुन लिया गया है, बस; हो गयी न ख़ुशी दोगुनी ! जनता फिर से धन्य हो जाएगी जैसे १९४७ में हुयी थी।
क्योंकि यहाँ आदमी वो भी भारतीय तो कोई है ही नहीं। हिन्दू है, मुस्लमान है,दलित है,सवर्ण है, भजपा-बसपा-सपा-कांग्रेस-जद वाला है या अकाली-मराठी-मद्रासी-बंगाली इत्यादि है पर; भारतीय नहीं है। ऐसे लोगों पर राज करना कांग्रेस ने अपने भगवान (अंग्रेजों) से सीखा है। इसलिए उसे कोई डर नहीं; कोई भी कितना ही बड़ा आन्दोलन चला ले कितना ही दम लगा ले न नई आजादी मिलेगी न नई व्यवस्था बनेगी, काले धन को तो लोगों को तो भुला ही जायेगा। क्योंकि भारत के लोग बहुत भुलक्कड़ होते हैं जो अंग्रजों के अत्याचार भूल गए उनकी गुलामी को भूल उनके गुण गाते हैं।
राजनीति का खेला है
ReplyDeleteसब बोया हुआ झमेला है....