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Saturday, January 22, 2011
“जागो मोहन प्यारे जागो”
मत जागना मोहन प्यारे; बिलकुल मत जागना । क्योंकि; "तुम जाग गए तो जनता सो जाएगी" । तुम्हारे पूर्वजों (पार्टी नेताओं ने) ने "स्वयं जाग" कर ही तो जनता को सुलाए रखा था। कई दशकों बाद अब जनता जाग रही है। उसे पता लग रहा है कि उसके "सोये रहने" पर कांग्रेस ने देश,संस्कृति,समाज,संस्कार-धर्म, साहित्य-इतिहास आदि को कितना नुकसान पहुँचाया है । महँगाई और काले धन के बहाने ही सही, अब जनता परेशान होकर "जाग तो रही है"। ऐसे में तुम जाग गए तो ! तो देश का क्या होगा ? अब तो जनता "सोचने को मजबूर" हो रही है; कि आखिर देश की और उसकी ऐसी दयनीय हालत क्यों हुयी ? और ऐसे में तुम जाग गए तो ! तो देश का क्या होगा ? तुम्हारे नेता और कार्यकर्त्ता तो इतने "शातिर" हैं कि तुम्हारे जरा सा जागते ही जनता को सुलाने के एक से एक ऐसे हथकंडे आविष्कृत कर लेंगे , कि "जहरखुरानी" गिरोह के लोग भी उनसे पीछे रह जाते हैं। इसलिए; हे मोहन प्यारे बिलकुल मत जागना ! सोये रहना; अगर जाग भी गए तो आँखें बंद करके पड़े रहना। तभी उद्धार होगा, तुम्हारा भी देश का भी और तुम्हारे कुल(पार्टी) का भी । जैसे रावण ने अपना और लंका का भला किया था। उसे भी तो बहुतों ने जगाया था पर उसने अपना और अपने कुल का उद्धार करने के लिए अपनी आँखे बंद रखीं, ऐसे ही तुम भी करना। पूर्ण परिवर्तन होने देना तभी तुम्हारे उन सब पूर्वजों (नेताओं) को भी मोक्ष मिलेगा जो आज तक कहीं नरक में पड़े होंगे। वर्तमान के तुम्हारे बंधुओं को तो एक मौका अभी है ; वे अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं। पर तुम जाग गए तो उनसे ये मौका छूट जायेगा। इसलिए हे मोहन प्यारे बिलकुल मत जागना।
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jahaj ke dubne ka intezaar rahega , mohan ji co pailot hain jahaj ke ,
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