दिल्ली में एक केजरीवाल क्या दस केजरीवाल आ जाएँ वो भी यही करेंगे जो ये कर रहा है !
दरअसल जैसे मानव शारीर में किसी एक जगह पर शक्ति या कुछ तत्वों का एकत्रीकरण हो जाये तो वह बीमारी बन जाता है !
वैसे ही हमारे देश के बड़े शहर देश के लिए बीमारी बने हुए हैं ! यहाँ शक्तियों का एकत्रीकरण हो गया है | जिससे वहां चरों ओर से जनसँख्या का आक्रमण हो रहा है और सुविधाएँ कम पड़ती जा रहीं हैं | लोगों को मज़बूरी के कारण इन शहरों में आना पड़ रहा है कोई शिक्षा के लिए , कोई इलाज के लिए , कोई रोजगार के लिए, ये सब मज़बूरी के मारे हैं फिर यहीं बस जाना चाहते हैं |
पिछले सत्तर सालों से लोकतंत्र के नाम पर सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया है जबकि विकास का विकेंद्रीकरण होना चाहिए था |
अकेले दिल्ली में सैकड़ों बड़े बड़े कॉलेज ! सैकड़ों बड़े बड़े अस्पताल ! बड़े बड़े अन्य तकनिकी संस्थान ! कार्यलय आदि सब एक ही स्थान पर कर दिए गए |
क्यों ??????????
आज कहा जायेगा वहां की जरुरत है इसलिए !
लेकिन ;
जरुरत पड़ी क्यों ! दिल्ली में भीड़ बढ़ी क्यों ?
अगर प्रत्येक राज्य में दस बीस कॉलेज (दिल्ली जैसे ) बीस तीस अस्पताल, अन्य शिक्षण संस्थान व कार्यालय होते तो इतनी भीड़ दिल्ली में क्यों इकट्ठा होती | छोटे छोटे रोजगार भी वहीँ पनपते |
जैसे हर राज्य में एक उच्च न्यायलय है और जिला न्यायलय है फिर तहसील स्तर पर भी है वैसे ही ये सभी सुविधाएँ होती तो गांवों से पलायन भी रुकता और एक जगह शक्ति का केन्द्रीकरण नहीं होता और हमारे शहर सुन्दर होंते ;
अभी तो बीमारी हैं |
दिल्ली की तर्ज पर प्रत्येक राज्य का विकास होना चाहिए वर्ना ये शहर एक दिन समस्या बन जायेंगे |
दरअसल जैसे मानव शारीर में किसी एक जगह पर शक्ति या कुछ तत्वों का एकत्रीकरण हो जाये तो वह बीमारी बन जाता है !
वैसे ही हमारे देश के बड़े शहर देश के लिए बीमारी बने हुए हैं ! यहाँ शक्तियों का एकत्रीकरण हो गया है | जिससे वहां चरों ओर से जनसँख्या का आक्रमण हो रहा है और सुविधाएँ कम पड़ती जा रहीं हैं | लोगों को मज़बूरी के कारण इन शहरों में आना पड़ रहा है कोई शिक्षा के लिए , कोई इलाज के लिए , कोई रोजगार के लिए, ये सब मज़बूरी के मारे हैं फिर यहीं बस जाना चाहते हैं |
पिछले सत्तर सालों से लोकतंत्र के नाम पर सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया है जबकि विकास का विकेंद्रीकरण होना चाहिए था |
अकेले दिल्ली में सैकड़ों बड़े बड़े कॉलेज ! सैकड़ों बड़े बड़े अस्पताल ! बड़े बड़े अन्य तकनिकी संस्थान ! कार्यलय आदि सब एक ही स्थान पर कर दिए गए |
क्यों ??????????
आज कहा जायेगा वहां की जरुरत है इसलिए !
लेकिन ;
जरुरत पड़ी क्यों ! दिल्ली में भीड़ बढ़ी क्यों ?
अगर प्रत्येक राज्य में दस बीस कॉलेज (दिल्ली जैसे ) बीस तीस अस्पताल, अन्य शिक्षण संस्थान व कार्यालय होते तो इतनी भीड़ दिल्ली में क्यों इकट्ठा होती | छोटे छोटे रोजगार भी वहीँ पनपते |
जैसे हर राज्य में एक उच्च न्यायलय है और जिला न्यायलय है फिर तहसील स्तर पर भी है वैसे ही ये सभी सुविधाएँ होती तो गांवों से पलायन भी रुकता और एक जगह शक्ति का केन्द्रीकरण नहीं होता और हमारे शहर सुन्दर होंते ;
अभी तो बीमारी हैं |
दिल्ली की तर्ज पर प्रत्येक राज्य का विकास होना चाहिए वर्ना ये शहर एक दिन समस्या बन जायेंगे |
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