हम भारतीय लोगों में अधिकांस बहुत भुलक्कड़ प्रकृति के होते हैं !
इसीलिए अंग्रेज या "एंग्लो कांग्रेस" हम पर लम्बे समय तक राज कर गए (अभी भी कर रहे हैं ) !
अब देखो न एक साल पहले तक की परिस्थितियों को हम भूल रहे हैं .... कितना आजिज आ गए थे हम कांग्रेस से !
इसी भूल में हम अभी एक साल में ही उस व्यक्ति को जिसे पिछले पंद्रह साल तक तो देखा भाला है कोई बुराई उसके द्वारा नहीं हुयी है; इतनी बुरी बुरी बातें कहने लगे लगे हैं कि शायद कोई नीच से नीच भी नहीं कहता होगा |
अंजे गंजे प्रकार के लोग जिनके बालों के साथ साथ दिमाग भी उड़नछू हो गया है वो तो जैसे किसी नाजायज (कांगी की औलाद) आवारा लफंगे की तरह बौखला बौखला कर अनाप शनाप भौंके जा रहे हैं ! लगता है जैसे पुराने ज़माने में दुश्मन की सेना में भगदड़ मचाने को अपने लोगों को भरती करवा देते थे वैसे ही कांग्रेस ने भी इन्हें शुद्ध भारतीयों के बीच में घुसा दिया है ..... शायद !
ये अपने को देशभक्त लिखेंगे (फोटो नहीं लगायेंगे), ये अपने को स्वामी रामदेव या भाई राजीव भक्त लिखेंगे; उनकी फोटो लगायेंगे ! लेकिन विचार (संस्कार) देख कर पता लग जायेगा कि कौन हो सकते हैं, बाकि कान्गियों से तो हमें कोई शिकवा नहीं वो तो विरोध करें तो अच्छा ही है |
ये विदेशी निवेश को मुद्दा बना रहे हैं ... क्योंकि कांग्रेस ने दुष्प्रचार कर दिया है कि भाजपा पहले विदेशी निवेश का विरोध करती थी अब स्वयं करवा रही है लेकिन क्योंकि इनके पास बुद्दी का आभाव है ये सोच तो सकते नहीं विचार करना तो दूर की बात ! पहले विदेशी निवेश केवल सामान यहाँ बेचने के लिए होता था अब जो भी निवेश होगा वो तकनिकी भी साथ लाने और कारखाने यहाँ लगाने के लिए होगा ! जिसे मेक इन इण्डिया कहा गया |
और भी अन्य विभिन्न मुदों पर चाहे हिंदुत्व पर बवाल का हो या धारा 370 का, गौहत्या का हो या राम मंदिर का, सब के सब ऐसे दुष्प्रचार के जाल में उलझे हैं जो भारतीयता विरोधी समाचार जगत बौद्धिक और राजनैतिक विरोधियों ने बना दिया है !
और हर बार यही होता है ....
कुछ भारतियों की मुर्खता के कारण सही परिस्तिथियों को न समझ पाने के कारण भारत हार जाता है और इण्डिया जीत जाता है |
कोई भी व्यक्ति सही या गलत जैसा भी करे उसके लिए वो सरकार में होगा तभी कुछ कर पायेगा ! बाहर रह कर वो घंटी भी नहीं हिला सकता, उसके लिए वोट चाहिए.... वोटों के लिए कुछ निर्णय समयानुसार वोटरों को खुश करने के लिए करने पड़ते हैं वर्ना ये भ्रम फ़ैलाने वाले (भारतीयता विरोधी समाचार जगत बौद्धिक और राजनैतिक विरोधि)जो गिद्धों की तरह नजर गडाए बैठे हैं !
अपने आकाओं के इशारे पर कब कि कोई ऐसा काम हो जिससे मोदी सरकार को इतना बदनाम किया जाये कि इन्हें बीच में ही भागना पड़े या अगली बार तो कमसेकम ये दोबारा न आयें | इन्हें अभी तक कोई मुद्दा ऐसा मिला नहीं है फिर भी इन्होने कोहराम मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी !
सोचो अगर कोई ऐसा काम कर दिया ! जैसे नेहरु या गाँधी की वास्तविकता प्रधान मंत्री सामने रख दे, या उनका नाम न ले तो पूरा विश्व तो उन्हें भारत के तारनहार के रूप में देखता है होगा या नहीं bharat का नुकसान ?
और हमारे तथाकथित अपने को देशभक्त या स्वाभिमानी कहने वाले लोग उनकी ही सहयता कर रहे हैं ! वो लोकतान्त्रिक प्रणाली को नहीं समझ रहे हैं !
वो इस लोकतान्त्रिक प्रणाली में पद बने रहने के लिए किये जाने वाली तिकड़मों को नहीं समझते !
कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बहुत लम्बी चर्चा की जा सकती है !
लेकिन जिन्हें विरोध करना होता है वो कुछ भी कर लो विरोध ही करेंगे उनके लिए तो अगर मोदी कह दे कि आप को गर्व होना चाहिए आप अपने पिता की संस्कार वान संतान हो तो भी वो विरोध में चिल्लाने लगेंगे मोदी ने ऐसा क्यों कहा ! तर्क देने लगेंगे कि क्या मोदी के कहने से कोई संस्कारवान कहलायेगा ! है न आश्चर्य |
इसीलिए अंग्रेज या "एंग्लो कांग्रेस" हम पर लम्बे समय तक राज कर गए (अभी भी कर रहे हैं ) !
अब देखो न एक साल पहले तक की परिस्थितियों को हम भूल रहे हैं .... कितना आजिज आ गए थे हम कांग्रेस से !
इसी भूल में हम अभी एक साल में ही उस व्यक्ति को जिसे पिछले पंद्रह साल तक तो देखा भाला है कोई बुराई उसके द्वारा नहीं हुयी है; इतनी बुरी बुरी बातें कहने लगे लगे हैं कि शायद कोई नीच से नीच भी नहीं कहता होगा |
अंजे गंजे प्रकार के लोग जिनके बालों के साथ साथ दिमाग भी उड़नछू हो गया है वो तो जैसे किसी नाजायज (कांगी की औलाद) आवारा लफंगे की तरह बौखला बौखला कर अनाप शनाप भौंके जा रहे हैं ! लगता है जैसे पुराने ज़माने में दुश्मन की सेना में भगदड़ मचाने को अपने लोगों को भरती करवा देते थे वैसे ही कांग्रेस ने भी इन्हें शुद्ध भारतीयों के बीच में घुसा दिया है ..... शायद !
ये अपने को देशभक्त लिखेंगे (फोटो नहीं लगायेंगे), ये अपने को स्वामी रामदेव या भाई राजीव भक्त लिखेंगे; उनकी फोटो लगायेंगे ! लेकिन विचार (संस्कार) देख कर पता लग जायेगा कि कौन हो सकते हैं, बाकि कान्गियों से तो हमें कोई शिकवा नहीं वो तो विरोध करें तो अच्छा ही है |
ये विदेशी निवेश को मुद्दा बना रहे हैं ... क्योंकि कांग्रेस ने दुष्प्रचार कर दिया है कि भाजपा पहले विदेशी निवेश का विरोध करती थी अब स्वयं करवा रही है लेकिन क्योंकि इनके पास बुद्दी का आभाव है ये सोच तो सकते नहीं विचार करना तो दूर की बात ! पहले विदेशी निवेश केवल सामान यहाँ बेचने के लिए होता था अब जो भी निवेश होगा वो तकनिकी भी साथ लाने और कारखाने यहाँ लगाने के लिए होगा ! जिसे मेक इन इण्डिया कहा गया |
और भी अन्य विभिन्न मुदों पर चाहे हिंदुत्व पर बवाल का हो या धारा 370 का, गौहत्या का हो या राम मंदिर का, सब के सब ऐसे दुष्प्रचार के जाल में उलझे हैं जो भारतीयता विरोधी समाचार जगत बौद्धिक और राजनैतिक विरोधियों ने बना दिया है !
और हर बार यही होता है ....
कुछ भारतियों की मुर्खता के कारण सही परिस्तिथियों को न समझ पाने के कारण भारत हार जाता है और इण्डिया जीत जाता है |
कोई भी व्यक्ति सही या गलत जैसा भी करे उसके लिए वो सरकार में होगा तभी कुछ कर पायेगा ! बाहर रह कर वो घंटी भी नहीं हिला सकता, उसके लिए वोट चाहिए.... वोटों के लिए कुछ निर्णय समयानुसार वोटरों को खुश करने के लिए करने पड़ते हैं वर्ना ये भ्रम फ़ैलाने वाले (भारतीयता विरोधी समाचार जगत बौद्धिक और राजनैतिक विरोधि)जो गिद्धों की तरह नजर गडाए बैठे हैं !
अपने आकाओं के इशारे पर कब कि कोई ऐसा काम हो जिससे मोदी सरकार को इतना बदनाम किया जाये कि इन्हें बीच में ही भागना पड़े या अगली बार तो कमसेकम ये दोबारा न आयें | इन्हें अभी तक कोई मुद्दा ऐसा मिला नहीं है फिर भी इन्होने कोहराम मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी !
सोचो अगर कोई ऐसा काम कर दिया ! जैसे नेहरु या गाँधी की वास्तविकता प्रधान मंत्री सामने रख दे, या उनका नाम न ले तो पूरा विश्व तो उन्हें भारत के तारनहार के रूप में देखता है होगा या नहीं bharat का नुकसान ?
और हमारे तथाकथित अपने को देशभक्त या स्वाभिमानी कहने वाले लोग उनकी ही सहयता कर रहे हैं ! वो लोकतान्त्रिक प्रणाली को नहीं समझ रहे हैं !
वो इस लोकतान्त्रिक प्रणाली में पद बने रहने के लिए किये जाने वाली तिकड़मों को नहीं समझते !
कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बहुत लम्बी चर्चा की जा सकती है !
लेकिन जिन्हें विरोध करना होता है वो कुछ भी कर लो विरोध ही करेंगे उनके लिए तो अगर मोदी कह दे कि आप को गर्व होना चाहिए आप अपने पिता की संस्कार वान संतान हो तो भी वो विरोध में चिल्लाने लगेंगे मोदी ने ऐसा क्यों कहा ! तर्क देने लगेंगे कि क्या मोदी के कहने से कोई संस्कारवान कहलायेगा ! है न आश्चर्य |
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