एक आदमी मर कर गधा बन गया; उसे बड़ा बुरा लगा। वो भगवन जी के पास गया और शिकायत करी। भगवान जी ने समझाया; ‘जब तुम्हें सोचने-समझने, कुछ करने और बोलने की शक्ति दे कर; मनुष्य बना कर धरती पर भेजा था तो तुमने इनमे से कुछ नहीं किया; बस अपने में मस्त रहे। प्रकृति-पर्यावरण,समाज-संस्कृति, देश-धर्म के लिए कुछ नहीं कर सके जिससे धरती पर सबके लिए बोझ बन गए थे अब उस ऋण को बोझा ढो कर ही चुकाया जा सकता है; इसलिए तुम्हें गधा बनाया है; अब सबका बोझा ढोओ'।
फिर तो आनेवाले कुछ वर्षों में विश्व में गधे ही गधे मिलेंगे !!
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने|
ReplyDeleteगज़ब की पोस्ट ...
अरबों-खरबों की अगली संख्या गधों की ही माने लें.
ReplyDeleteवाह क्या बात है.... संगीता पूरी जी की बात से सहमत हूँ:-)सटीक व्यंग समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है जहाँ इस बार की पोस्ट बड़ी ज़रूर है किन्तु आपकी राय चाहिए।
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