
जो गद्दारी १९४७ में हुयी थी उसे सुधारने के लिए पू....ऊउरे सिस्टम को बदलने के लिए कोई राजनीतिक दल अपने को साबित करता है तो उसका देश भक्त जनता द्वारा स्वागत होगा | इस बारे में स्वामी रामदेव जी महाराज आगे बढ़ रहे हैं | इसीलिए टीम अन्ना के पेट में मरोड़ उठा और राजनीतिक दल की बात कह कर बाजी मारने की सोची |
क्योंकि ये तथाकथित सेकुलर इस देश में राष्ट्रीयता की भावना नहीं पनपने देना चाहते | इनकी नजर में रामायण-महाभारत काल्पनिक हैं; क्योंकि नेहरू की नजर में भी ऐसा ही था | इनकी नजर में भारत के हिन्दू-मुसलमान कभी एक नहीं हो सकते; क्योंकि इन्होने यहाँ के मुसलमानों के दिमाग में उन्हें 'गौरी और गजनी के वंशज हो' बिठा रखा है | और हमारी नजर में कुछ सौ साल पहले तक यहाँ के हिन्दू मुसलमानों के पूर्वज एक ही थे | "स्वामी रामदेव जी कहते हैं जींस या डी एन ए टेस्ट करालो" |
जैसा राजीव दीक्षित और स्वामी रामदेव जी महाराज ने आमूल चूल परिवर्तन के लिए अपने अनुयायियों को प्रशिक्षित किया है उसके लिए हमें ऐसे बिचौलियों (अन्ना जैसे) की चालों को समझना पड़ेगा | आखिर ये क्यों हमारे आन्दोलन के समय ही वही सारी बातों को दोहराने लगते हैं जिन्हें बाबा रामदेव पिछले ४-५ वर्षों से लेकर चल रहे हैं अगर ये भी वही चाहते हैं तो स्वामीजी तो इन्हें बुला रहे हैं ये साथ क्यों नहीं आते ? अनशन तोडना ही था तो ये भी हो सकता था कि ९ अगस्त से दोबारा स्वामी रामदेव जी के साथ अनशन होगा |
जनता इन्हें चेता भी रही है लेकिन क्योंकि गोटी कहीं और फिट है; और वो जनता को मूर्ख समझते हैं | लेकिन गाँधी-नेहरू के समय जनता मूर्ख होगी; आज नहीं है | आज फेसबुक है मोबाईल है टी वी है और सबसे बड़ी बात दूध से मुहं जलाई जनता छाछ भी फूंक फूंक पीयेगी |
यही हम भारत स्वाभिमान वाले जान गए हैं इसीलिए हम कहते हैं ये सिस्टम फेल है क्योंकि अंग्रेजों का बनाया हुआ है उन्होंने अपने लूटने के लिए बनाया था वो गद्दार नेहरू उनसे मिलीभगत करके उसी सिस्टम को लागू कर गया जिसे ट्रांसफर ऑफ पॉवर एग्रीमेंट कहते हैं | इसीलिए स्वामी रामदेव जी ने सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन का आह्वान किया है | लेकिन पहले ४०० लाख करोड़ रुपया कालाधन चाहिए,क्योकि भूख से बिलबिलाता गरीब जब दो रोटी खायेगा तभी कुछ सोचने लायक दिमाग काम करेगा | और जिनको दो रोटी मिल रही है वो स्वामी रामदेव जी के साथ लग गए हैं; उनकी सहायता से कालाधन आएगा और सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त होगा |