इंटरनेट साईटों को प्रतिबंधित करने को लेकर समझ आया कि सरकार देखती सुनती सब है; पर करती कुछ नहीं, हाँ; अपने सर पर लगे तो बौखला जाती है।
हम तो मायूस थे कि दुश्मन के कानों में मैल आँखों में कमजोरी है |
बड़ी ख़ुशी हुयी ये जान कर कि वो सब कुछ सुन और देख रहे हैं ||
intresting...दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए ...:)सामी मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeletehttp://mhare-anubhav.blogspot.com/
hum bhi khush huye.
ReplyDelete