चाहत है जमाना बदलने की
चाहत है जमाना बदलने की , चलते हैं ज़माने के साथ ही , इस बहाव से उलटे बहना , ये कोई मामूली बात नहीं । हँसेगी दुनिया तब भी हंसी थी, नारे लगते जब क्रांतिकारियों की टोली चली थी , सोचते थे “वो” गुलामी से तो अंग्रेजों की गोली भली थी, याद रखता है जमाना उनको , जो चलते बहाव से उलटे ही ।
“वो” गुलामी से तो अंग्रेजों की गोली भली थी,
ReplyDeleteab kahan aise krantikaari jajbaat......chaklet kism ki yuva pidhi main .....
abhaar..............