दूध देने वाली #गाय की लात भी सहनी पड़ती है ! ये सरकार देश के लिए सही है तो इनकी गलतियाँ भी सहेंगे ... जो लोग किसी भी पार्टी के सदस्य हैं या पदाधिकारी हैं उनकी निष्ठा बदल सकती है ! उन्हें देश धर्म समाज संस्कृति सभ्यता से कुछ नहीं लेना होता, उनको ये पार्टी उनके अनुकूल नहीं देती तो वो दूसरी पार्टी में जा घुसते हैं ! और कल तक जिसको सर्वेसर्वा माना था उसे ही गरियाने लगते हैं ! लेकिन हमारे जैसे लोग देश के लिए अच्छे की सोचते हैं और इसलिए जो देश के लिए अच्छा लगे उसे समर्थन करते हैं हमारा कांग्रेस के किसी भी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत विरोध या झगडा नहीं है हमारा कंग्रेसिज्म से विरोध है | कई कांग्रेसी अपनी पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी में गए हैं मैं उन्हें भी पसंद नहीं करता क्योंकि वो केवल स्वार्थी हैं और कुछ नहीं | और कांग्रेस ....... कांग्रेस के विषय में पहले भी कई बार लिख चूका हूँ .... ये पञ्च मक्कारों से ग्रस्त विचार वाली पार्टी है इसका समर्थन हम नहीं कर सकते |इसीलिए चाहे परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज हों या भाई राजीव दीक्षित जी हों हमें देश के लिए कुछ करने वाले लगे तो हम जी जान से इस आन्दोलन के साथ हो लिए |
वो तो ये आन्दोलन अन्ना केजरी & कम्पनी ने (उन्हीं पञ्च मक्कारों के षड्यंत्र से; जिनका खुलासा मैं समय समय पर करता रहता हूँ इस समय भी नीचे किया है) भरमाने का प्रयास किया ! लेकिन पूर्ण सफल नहीं हुए | स्वामीजी का नेतृत्व इसे संभाल ले गया वर्ना देश में दिल्ली वाला खेल चल रहा होता | स्वामी जी को मोदी जैसा नेता मिला आपस में बात हुयी होगी ..... जो बाद में सही भी सिद्ध हुआ है .... एकदम से बदलाव हो नहीं सकता बदलाव धीरे धीरे ही होगा |
खैर ......
बिहार की हार तो कुछ भी नहीं भाईसाहब .....
ये तो अभी ट्रेलर देखा है देश ने ! ये असहिष्णुता ! ये दादरी ! ये सुनपेड ! ये बीफ ! ये सम्मान वापसी ! ये महंगाई ! ये साईं बाबा ! ये पूर्व सैनिकों का OROP आंदोलन और अब ये टीपू सुल्तान आदि आदि जाने क्या क्या बिना सर पैर के मामले हैं जो छत्तीस सालों से देश में व्याप्त हैं लेकिन आज तक नहीं भड़के क्यों ?
शर्त लगा लो !
ये मोदी सरकार को पांच साल नहीं चलने देंगे !
देख लेना अगर... अगर ये केंद्र सरकार पूरे पांच साल चल जाये तो !
चल भी गयी तो ऐसे ही लंगडाते लड़खड़ाते हुए चलेगी आम जनता के मन मष्तिष्क पर कोई प्रभाव नहीं डाल पायेगी और दोबारा चुनाव लड़ने में मोदी जी को भी डर लगेगा, जीतना मुश्किल हो जायेगा जैसे अटल सरकार के बाद हुआ था | इनके अपने ही इनको हराने वाले हो जायेंगे |
इस देश को वास्तव में अगर कोई चला सकता है तो केवल #कांग्रेस !
कांग्रेस और कांग्रेस |
क्यों ?
क्योंकि इस देश में अभी स्वाभिमानी राष्ट्रवादियों की संख्या पञ्च मक्कारों से प्रभावित लोगों से कम है और देश में पांच मक्कार भरे पड़े हैं कांग्रेस इनकी पोषक है बल्कि उसने इनके साथ छठा म (M) मुसलमान को जोड़ कर इस शक्ति को इतना बढ़ा लिया कि कभी भी कहीं भी स्थिरता नहीं होने देने की शक्ति उसके पास हो गयी है ;
जब मर्जी तब दंगे करवा सकते हैं !
जब मर्जी तब किसी भी वस्तु की कालाबाजारी करवा सकते हैं !
जब मर्जी तब राष्ट्रवादियों को बदनाम कर सकते हैं राष्ट्रवाद की खिल्ली उड़ा सकते हैं |
ये "पंच मक्कार" नीचे स्लाइड में लिखे हैं !
अच्छा सोचो !
ये टीपू सुल्तान की जयंती वाला मामला क्या इससे पहले भी कभी हुआ था ?
मेरा मतलब क्या टीपू सुल्तान की जयंती कभी पहले भी मनाई गयी थी ?
नहीं न ?
तो फिर अब क्यों ! इसी बार क्यों !
उकसाया जा रहा है; #गौडसे की जयंती मनाने को ! फिर उस पर बवाल काटेंगे !
खैर हम तो समझ रहे हैं ,
लेकिन आम जनता भ्रमित हो जाती है और वही कहती है जो मैंने ऊपर कहा ! कि ;
इस देश को केवल कांग्रेस ही संभाल सकती है |
बिहार हार के बाद भजपा के अन्दर के विरोधी और कुछ बड़े नेताओं की भावनाओं को भड़काने के काम में भी यही पञ्च मक्कार अपने हाथ पैर घुसेड़े हुए हैं; कही दो फाड़ न करवा दें !