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Friday, October 21, 2011

"समर्पण" 'कविता संग्रह विमोचन' की मेरी मुराद पूरी हो गयी

आज कई दिन बाद दुकान पर व्यवस्थित रूप से बैठा हूँस्वामीजी जी का १५-१६ अक्तूबर अल्मोड़ा में दो दिन का योग शिविर थाशिविर के आयोजन में; हालाँकि अल्मोड़ा की स्थानीय समिति को बहुत मेहनत पड़ी पर हम लोग भी बहुत व्यस्त रहेइसलिए दुकान को नहीं देख पायापूरे जिले में चारों तरफ जो भी समितियां थी सभी व्यस्त थीं दो दिन अल्मोड़ा में शिविर

रानीखेत में सभा, बहुत ही अच्छी तरह से हो गए तरह से इन शिविरों के माध्यम से संजीवनी का काम हो गया और; स्वामी जी का अल्मोड़ा प्रवास मेरे लिए तो बहुत ही उपलब्धि भरा रहा एक तो इस आन्दोलन से जुडी कुछ कवितायेँ; जो मैंने समय-समय पर लिखी थीं, उन्हें एक पुस्तिका का रूप देकर स्वामी जी के द्वारा विमोचित और हस्ताक्षरित करवा लिया; दूसरा मेरे पुत्र ने स्वामीजी का एक चित्र बना रखा था तथा परीक्षाएं होने के कारण स्वयं नहीं जा पाया; उसके उस चित्र पर भी स्वामीजी के हस्ताक्षर चाहिए थे जो मिल गएबाकि आप चित्रों में स्वयं देख लीजिये

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