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Sunday, June 26, 2011

कांग्रेस को क्यों नंगा करने पर तुले हो …महाराज ?

हर कोई जिसे देखो कांग्रेस के पीछे पड़ा है। आन्दोलन भ्रष्टाचार के लिए है; पर कांग्रेस का नाम नहीं लिया,आन्दोलन अव्यवस्थाओं के लिए है पर कांग्रेस का नाम नहीं लिया; काले धन को वापस लाने को चिल्ला रहे हैं पर कांग्रेस का नाम नहीं लिया, बड़े चालाक हैं ! बिना नाम लिए ही अभियुक्त को बेनकाब कर दिया।
कांग्रेस को इतना मूर्ख समझ कैसे लिया ? उसे नहीं पता कि भाषा में प्रयायवाची या इंगितार्थक शब्द भी होते हैं। जैसे; दशानन कहो या दशग्रीव कहो आशय रावण ही होता है वैसे ही भ्रष्ट कहो,भ्रष्टाचार कहो या भ्रष्टाचारी कहो मतलब (८०प्रतिशत) कांग्रेस ही होगा।
इतनी मेहनत सेउन्होंनेअपना एक मुकाम बनाया है। इस देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। सबसे बड़ी ही नहीं;सबसे पुरानी भी, अंग्रेजों की बनायी पार्टी है। किस तरह से एक आम(बेचारा,जो स्वयं मूर्ख है) आदमी से लेकर अपने को महान बुद्धिमान समझने वाले को मूर्ख बना कर रखा जा सकता है, इसमें महारत ! केवल इसे ही हासिल है। गुलाम होते हुए भी ऐसा लगता ही नहीं कि हम गुलाम हैं।
कितने महान हैंये कांग्रेसीअपने जनक (अंग्रेजों) से भी मीलों आगे निकल गए। उनके समय में एक विदेशी कम्पनी के देश लूटने से विद्रोह हो गया था, क्योंकि लोग समझ गए थे कि हम लुट रहे हैं। इनके समय में हजारों विदेशी कम्पनियां देश को लूट रही हैं मजाल है जो किसी की समझ में जाये। इन्होने देश के सामने उसे अपनी योग्यता से उपलब्धियों में शुमार करवा लिया।
इतनी कुशलता से अंग्रेज भी राज नहीं कर सके थे। एक और कुशलता जो इन्होने अंग्रेजों से सीखी थी फूट डालने की। उनका तो पता लग जाता है इसलिए उन पर लोग थूकते हैं। इनका तो देश की जनता को आपस में लड़वाने का तरीका इतना उन्नत है कि पिछले सवा सौ साल से कोई समझ ही नहीं पाया।

और तुम इसे नंगा करने पर तुले हो........ क्यों ?
इनके नंगा होने में जरा मुश्किल होगी...... महाराज, क्योंकि इन्होने कपड़ों पर कपड़ों की परतें अपने शारीर पर सिल रखी हैं। पहले तो उतरेंगी नहीं;अगर फाड़ कर उतार भी ली तो दूसरी परत जाएगी। कितनी परतें फाड़ोगे ? पिछले सवा सौ साल में जाने कितनी परतें इन्होने ओढ़ी हुयी हैं। इन परतों के कारण ही आज तक कोई भी इन्हें समझ ही नहीं पाया।

ये अंग्रजों के पास जाते थे तो उनके जैसे कपड़ों की परत ऊपर कर लेते थे, देशभक्तों के पास जाते थे तो उनके जैसे हो जाते थे, ऐसे ही आजादी के बाद; जिसके कारण कश्मीर और नक्सलवाद, आतंकवाद,माओवाद जैसी कई समस्याएं बेशक पनपी, पर ये कुशलतापूर्वक उन्हें भी अपने हित के लिए ही साध लेते ;हैं कपड़े बदल कर।
इनकी महानता इसीसे पता चलती है कि आज अधिकांस राजनीतिक पार्टियां इन्हीं के नक्शेकदम पर चल कर पहले रोटी खाना सीखी; अब अपने कार्यकर्ताओं के साथ अय्याशी कर रहीं हैं।
इनकी चतुरता देखो कि देश के टुकड़े इन्होने करवाए; पर अब ये जनता को दूसरी पार्टियों से देश टूटने का डर दिखाने में कामयाब हो जाते हैं।
इसको कैसे नंगा करोगे…….. महाराज ? ये स्वयं सिद्ध हैं। अपने आप तो कई बार नंगे हो चुके हैं; पर किसी के नंगा करने पर ये किन्नरों की तरह अपना नंगापन दिखा देते हैं। इसलिए भी लोग इनसे बच कर रहते हैं। डरते भी हैं शर्म भी करते हैं। इनका क्या है ये धर्म को मानते हैं समाज-संस्कृति को, सभ्यता-इतिहास को मानते हैं देश को, इनके लिए देश से बड़ी इनकी पार्टी है इनके अन्नदाता हैं। ये सब इन्होने विदेशियों से ही सीखा है; ये उनकी तरह नंगेपन के हिमायती हैं इनकी तो लड़कियां तक पिंक चड्डीयां बांटती फिरती रही हैं। आज अगर ये नंगे हो गए तो इनके उन खानदानियों का क्या होगा जो अब नहीं हैं वो सब भी एक एक कर अपनी असलियत अपने आप उघाड़ते जायेंगेकौन चाहेगा कि उनके पूर्वजों की गद्दारी जनता के सामने उजागर होऔर इनकी तथा इनके पूर्वजों की गद्दारी तो इतनी बड़ी है कि जब देश के लोगों को पता लगेगा तो कहीं उनपर ...... लगेंसारा इतिहास ही गड़बड़ा जायेगा

2 comments:

  1. वाह शंकर फुलार जी, क्या व्यंग है...
    सच में कांग्रेस को मारने के लिए कमीनापन चाहिए...इन कुतीलों को मारने के लिए तो वज्र कुटील कौटिल्य की आवश्यकता है...

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  2. बहुत सटीक लिखा है ..आसान नहीं है कांग्रेस के विरोध में खड़ा होना ...

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