ताजा प्रविष्ठियां

Wednesday, April 27, 2011

कमेटी का अध्यक्ष अमर सिंह को या किसी विदेशी कंपनी को ठेके पर दे दो....

कमेटी का अध्यक्ष अमर सिंह को बनाओ,सह अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को बनाओ,दूसरा सह अध्यक्ष मायावती को बनाओ,तीसरा सह अध्यक्ष पंवार को बनाओ, चौथा…….., पांचवा……..,इतने बड़े देश में कमसेकम, पच्चीस अध्यक्ष तो होने ही चाहिए इन सबकी सरदार (राजमाता जी) सोनिया को, और सलाहकार युवराज को बनाओ, अब बचे सदस्य, उनमे; राजा,सुरेश कलमाड़ी,ललित मोदी,जयललिता, करूणानिधि परिवार, मुलायम सिंह परिवार,लालू यादव को मत भूलना,हसन अली इसी तरह विपक्ष में भी कुछ ढूंढ़ कर मिल जायेंगे, केवल पार्टियों के ही जरुरी थोड़े है हैं और भी हो सकते हैं जैसे सिविल सोसायटी वाले और उनके लिए चेहरे का काम करने वाले हजारे उद्योग पति भी होने चाहिएतब कहीं ढंग की कमेटी बनेगी; जिस पर ये विश्वास किया जा सकता है कि ये चलेगीअब जनता माने या मानेजनता को मनवाने के लिए गली मोहल्ले के चेले-पाटे अच्छा काम करते हैं बस उन्हें कुछ हड्डियाँ देनी होती हैं
ये भी कोई कमेटी है, (जो बनी है)
ये कमेटी शुरू से ही गलत बन गयी, कमेटी तो ऐसी होनी चाहिए, जिसमे सभी वर्गों को महत्त्व मिलेकेवल दस सदस्यों को ही क्यों ? क्या अन्य वर्गों का प्रतिनिधित्व होने से उनमें अविश्वास का कीड़ा नहीं कुलबुलाता रहेगाजनता बेशक वर्गाकार नहीं पर इनके नेता तो वर्गाकार हैं
विशेष कर भ्रष्टों के वर्ग को तो प्रतिनिधित्व मिलना ही चाहिएऔर उन संस्कार भ्रष्ट (सेकुलर) लोगों को जरुर इसमें रखें जिन्होंने ये दाल इतनी जल्दी पकाई कि सारी दाल ही काली हो गयी
एक और बात कमेटी के सदस्य नामी-गिरामी होने चाहिए, जैसे हमने सुझाये हैंऐसे नहीं कि देश की जनता आपस में ही पूछते रहे फलां कौन है-फलां कौन है ?
एक बहुत अच्छा सुझाव ये भी है कि इस जन लोकपाल को किसी विदेशी कम्पनी को ठेके पर दे देना चाहिए स्वदेशी कम्पनियों को इसलिए नहीं; कि देश की जनता और नेताओं को उन पर भरोसा नहीं
विदेशी कम्पनियों से निविदाएँ मांगनी चाहिए सच में उतना खर्च नहीं आएगा जितना अपनी स्वदेशी सदस्यों की कमेटी और जाँच में आएगा

No comments:

Post a Comment

हिन्दी में कमेंट्स लिखने के लिए साइड-बार में दिए गए लिंक का प्रयोग करें