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Tuesday, April 26, 2011

दाल काली क्यों हुयी ?

बोध कथा
हमारे देश में एक तरफ बड़े इत्मिनान से स्वादिष्ट दाल बन रही है बनते-बनते उसकी महक चारों ओर छाने लगी जिससे लोग उसमे और घी-मसाले डालने लगे पर ये बनती हुयी दाल कुछ संस्कार भ्रष्ट (सेकुलर) लोगों को नहीं भायी क्योंकि वो अपने को उनसे सभ्य और कुलीन समाज का समझते थे; इनके द्वारा बनी दाल वो कैसे खाते इसलिए उन्होंने भी दाल बनाने की सोची, और जल्दी बनाने की सोची। इस जल्दबाजी में सबने मिलकर उसके नीचे इतनी ज्यादा आग जलाई, कि दाल जल कर काली हो गयी अपने रिश्तेदारों(हवा बनाने वाले मीडिया) को भी इसके लिए तैयार किया कि तुम इतनी तेज हवा करो कि लोगों तक बस हमारी दाल की खुशबु पहुंचे, वो उनकी दाल को भूल कर बस हमारी दाल खाएं पर अब लोगों को समझ रहा है, कि दाल काली क्यों हुयी उसका स्वाद भी ख़राब होना ही था
अब जो भी उनकी दाल को सूंघ रहा है (चखने का तो सवाल ही नहीं) थू-थू कर रहा है।

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