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Monday, February 21, 2011

ऋषियों के वंशज समझ रहे हैं, असुरों के वंशज भड़क रहे हैं


स्वामी रामदेव जी महाराज के योगशिविर में एक सांसद महोदय भड़क गए पता नहीं सुबह पांच बजे से अपने को कैसे रोके बैठे थे ? क्योंकि स्वामी जी तो अपनी इस "भारत स्वाभिमान यात्रा" में रोजाना ही भ्रष्टाचार के विरोध में बोल रहे हैंवो सांसद पता नहीं कैसे अपने "आसुरी खून" को इतनी देर तक रोक कर बैठे रहे ? चलो ! एक बात का सकून हुआ; कि कोई तो निकला जिसने अपने असुरों के वंशज होने का धर्म निभाया, और खुल कर सामने आया; वरना सब जानते समझते भी उसका राजनीतिक कुटुंब- कबीला दम साधे मौन बैठा हैअसुरों में शायद कलियुग का प्रभावचालाक होने का गया है इसीलिए मौके के इंतजार में बैठे हैं। "वैसे कई बार कोशिश कर चुके हैं पर नख-दंत नहीं गड़ पाए"स्वामीजी की योग शक्ति प्रबल रही अब इसी सांसद महोदय की तरह से अंग्रेजों का जींसजो
इनके
रक्त में हैउबाल मारेगाक्योंकि अगर देश का आदमी इनकी और इनके पूर्वजों की करतूतों को जान गया तो ! इनका तो धंधा-पानी बंद हो जायेगातो देश की जनता को जागने से रोकना तो इनका धर्म है दूसरी तरफ... कहीं ये इस पार्टी की चाल हो; इस सांसद को नुकसान पहुंचा कर दोष भारत स्वाभिमान के ऊपर डालेंइस बात से भी सावधान रहने की जरुरत है

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