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Thursday, May 13, 2010

“एक विचारधारा” ‘जो देश और समाज के लिए खतरनाक है’

विश्व के कुछ स्थानों पर एक विचारधाराकम्युनिज्मदेश काल परिस्थिति अनुसार मानी जाती हैजिसका जन्म नास्तिकवाद से हुआ हैजिन देशों का थोडा बहुत भी आध्यात्मिक इतिहास और परम्पराएँ हैं यह उन देशों में सफल नहीं हुआ और कहीं थोड़ा-बहुत सफल हुआ भी तो समय आने पर जब उस देश के संस्कार जागे इस विचार धारा को वहां से मुहं छुपा कर भागना पड़ा

वैसे तो सम्पूर्ण विश्व में दो दर्शन माने जाते हैंएक आस्तिक दर्शन दूसरा नास्तिक दर्शनइनमें से नास्तिक दर्शन ही इस विचारधारा का मुख्य रूप से जनक हैजो; इस जगत (ब्रह्माण्ड) को अनायास बना; और इस जगत के प्राणियों का केवल भौतिक रूप ही सत्य मानते हैं, अन्य सब; 'जो कुछ है केवल खगोलीय घटनाओं का परिणाम है ऐसा मानता' हैं

इसी दर्शन से प्रेरित एक विचारधारा जिसेकम्युनिष्टविचारधारा कहते हैंइस नास्तिक दर्शन को मानने वाले तो वैसे पहले से ही हैं; पर वर्तमान युग कलियुग होने के कारण ये अति प्रबलता से अपने को साबित करने लगे हैंइसकी प्रबलता और अनैतिकता इतनी ज्यादा है कि व्यक्ति, समाज, देश धर्म के लिए हानिकारक हो गया है

ऐसा नहीं हैं कि पौराणिक समय में ये विचारधारा नहीं थी; थीपर इसको मानने वाले अपनी नैतिक सीमा जानते थे, और; और कुछ मानें मानें मानवतावाद को अवश्य मानते थे । उस समय शायद आज के जैसे हालत नहीं थे । जिस तरह आज वोटों के लिए और केवल धन, नाम (फेम) पाने के लिए बुराई को , अनैतिकता को 'इस विचारधारा को मानने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी' बढ़ावा दे रहे हैं; 'वह देश-समाज,संस्कृति-संस्कार ,धर्म-आध्यात्म और हमारे इतिहास के लिए' हानिकारक हैं

इस देश में आज जो भी बुराई हैं ;'उनके पीछे अगर आध्यात्मिक तौर पर विश्लेषण किया जाये तो सभी के मूल में इसी विचारधारा की प्रबलता' एक कारण समझ एगाक्योंकि यह देश; 'आध्यात्मिक देश है' इनका यहाँ सफल होना कठिन था तो इन्होने अपने दलों के नामों में परिवर्तन कर लिया अपना चोला बदल लिया पर फिर भी अभी राजनीतिक रूप से आंशिक ही सफल हुए हैं ।
इस विचारधारा के लोग लगभग प्रत्येक क्षेत्र में अपनी पूरी उर्जा से कार्य कर रहे हैं वह शिक्षा का क्षेत्र हो या सिनेमाका, राजनितिक क्षेत्र हो या सांस्कृतिक, सामाजिक क्षेत्र हो या असामाजिक(नक्सलवाद और आतंकवाद) ।
और अब तो इनका; 'नक्सलवाद और आतंकवाद को खुला समर्थन' बहुत ही खतरनाक होता जा रहा हैउसके लिए मैं इन्हें भी सावधान कर रहा हूँ कि कुछ समय बाद; 'ये लोग भी आतंकवाद का समर्थन करने के कारण' आतंकवादी कहलाने लगेंगेजैसे आज एक विशेष सम्प्रदाय इसके लिए पूरी दुनिया में बदनाम हो गया हैजबकि भारत में उस धर्म के मानने वाले हमारे मुस्लिम भाई उन आतंकवादियों का समर्थन नहीं कर रहेजिस तरह ये लोग कर रहे हैं
ये लिव इन रिलेशन सिप के समर्थक, ये वास्तविक धर्म के, नैतिकता के विरोधी, धर्म को अफीम कहने वाले , पर; 'अपने पितृ पुरुष मार्क्स के विचारों को अपना धर्म मानने वाले', ये उन सब सामाजिक बंधनों के विरोधी जिनसे समाज सुचारू रूप से चलता था, और नैतिकता या धर्म रूपी कानून का भय समाज को गलत कार्य करने को प्रेरित करता थाइन्होने ही प्रेम को इस तरह समाज को समझाया कि आज वासना को ही प्रेम समझा जाने लगा हैजो हमारे पारम्परिक समाज को मंजूर नहीं था वह इन्होने बढाया ताकि समाज छिन्न-भिन्न हो तो इनको सुकून मिले इनका उद्येश्य है "अँधेरा कायम हो"।

2 comments:

  1. ऐसी विचारधारा से देश को खतरा बढ़ता जा रहा है . वैसे आज ही खबर मिली है भारत में इस पंथ के प्रमुख राजनैतिक डाल मानता है की वो रास्ते से भटक गये हैं , उन पर सत्ता का नशा छा गया है , जबकि हम तो उनके रास्ते को ही सही नहीं मानते फ़िर भटकने ना भटकने से क्या फर्क पड़ता है . फ़िर, भी पहले साध्य तो सही था साधन भले ही गलत है लेकिन आज साध और साधन दोनों ही भरष्ट हो गये है .

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