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Thursday, April 15, 2010

उत्तराखंड में मेले की फोटो

आज हमारे यहाँ उत्तराखंड में जगह-जगह मेले होते हैं जो बैसाखी से पहले शुरू होकर एक दो दिन बाद तक चलते हैं,
ऐसा ही एक मेला "द्वाराहाट" (जिला अल्मोड़ा) में होता है जो कुछेक सदी से है; पारंपरिक है, और जैसा कि होता है किसी राजा ने अपने दुश्मन राजा को हराया तो उस दिन से मेला मनाया जाने लगा उसकी ख़ुशी में और उस दिन को याद करने के लिए एक पत्थर जो यहाँ दबा हुआ है उसे सभी लोग उस इलाके के जो जीतने वाले राजा को मानते थे अपने डंडे से ठोक कर जाते हैं इस मेले की विशेषता है यहाँ के पारंपरिक गीत -संगीत से अपना अपने समाज का मनोरंजन करना मैंने सुना और अपने गाँव में देखा है कि लोग एक महीने पहले से अपने गांवों में रात को जगह-जगह नाचना-गाना शुरू कर देते हैं और बैसाखी के दूसरे दिन दूर-दूर से यहाँ मैदान में आकर सभी मिलकर "झोड़ा",चांचरी,सरंकार ( पारंपरिक नृत्य) गाते है इतनी उमंग और उत्साह अब इन मेलों और परम्पराओं में ही रह गया है; जिसके लिए लोग महानगरों से दो-चार दिन की छुट्टी ले कर इन मेलों में अपने पराये से मिलने के लिए पहुँचने की इच्छा रखते हैं

3 comments:

  1. मेले के बारे में जानकारी देने के लिए शुक्रिया

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  2. फोटो बड़ा होता तो बढ़िया रहता। जानकारी के लिए आभार।
    घुघूती बासूती

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