ताजा प्रविष्ठियां

Sunday, April 4, 2010

"सानिया की शादी"भारत में कम तो न थे

अगर भौतिक सीमाओं में देखा जाये तो

पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान भारत में हैं।

यही बात धार्मिक सीमा पर भी लागू होती है।

यही बात आर्थिक सीमा पर भी लागू होती है।

और यही बात प्रसिद्धि की सीमा पर भी लागू होती है।

तो आखिर क्या बात है जो सानिया को पाकिस्तान के सोऐब मलिक में अपना जीवन साथी दिखा ?

कुछ तो बात होगी; जो सोऐब की (दूसरी) बीबी बनने की चाह सानिया के मन में जागी ।

ये, “दिल की बात हैजिसके लिए कहते हैं कि; “गधी पर जाये तो परी (या परा) क्या चीज है”।

और मानसिकता के स्तर पर ये, "कुछ पैसा,प्रसिद्धि पाने और पाने के प्रलोभन” से अपनी संस्कृति संस्कारों को भूल जाने का, शेष समाज को तुच्छ समझने की मानसिकता ही इसे कहते हैं।

यही मानसिकता हीलिव इन रिलेशनसिपमें भी विश्वास करने लगती है; विवाह जैसे सामाजिक कार्य को "जो" एकदम वैयक्तिक मानने लगती है अगर देखा जाये तो इस तरह की मानसिकता के अधिसंख्य लोग पैसा व प्रसिद्धि की दृष्टि से एक सीमा रेखा से ऊपर के लोग होंगे।

और ऐसा भी नहीं है कि सभी ऐसे ही होगे; जो अपनी संस्कृति-संस्कारों से जुड़े हुए हैं वह ऐसे नहीं भी हो सकते। खैर….

सानिया को दूसरी बीबी बनने का मलाल शायद ना हो; क्योंकि इस स्तर के लोगों में "ये सब" चलता है वे चाहे किसी धर्म-जाति में हों एक खिलाड़ी और भारत की पहचान के तौर पर हम तो शुभकामनायें ही देने पक्षधर हैं, और ये आशा करते हैं कि सानिया अपने मायके का मान बढ़ाते रहें;कभी कम ना होने दें । सानिया को हमारी बहुत-बहुत (अग्रिम) शुभकामनायें

और गुजारिश ये कि; आयशा को भी अपने साथ रखले तो उसका जीवन भी धन्य हो जायेगा।

वह भी उनकी तरह ही हैं (मानसिकता के स्तर पर)

No comments:

Post a Comment

हिन्दी में कमेंट्स लिखने के लिए साइड-बार में दिए गए लिंक का प्रयोग करें