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Monday, February 22, 2010

आम आदमी बचा कहाँ वह तो कब का ख़त्म ......

आजकल भारत में हर कोई आम आदमी का नाम जप रहा है।आम आदमी का नाम ले,ले कर दुहाई दे रहा है। आम आदमी के लिए चिंतित हो रहा है। महँगाई हो गयी तो आम आदमी का क्या होगा, आतंकवादियों से आम आदमी की चिंता, नक्सलवादियों से आम आदमी की चिंता, मराठी मानुष से आम आदमी की चिंता,बजट आने वाला है तो आम आदमी का ध्यान रखने की बात की जा रही है। हर कोई अपनी रोटी आम आदमी के नाम पर सेंक रहा है चाहे समाचार चैनल हों या कोई बुद्धिजीवी अखबार हों या पत्रिका, यहाँ तक कि ब्लोगर भी आम आदमी की चिंता में घुल रहे हैं।

पर मैं पूछता हूँ कि आम आदमी है कहाँ...? वह तो आजादी के बाद कुछ दिन तक ही रहा, फिर ख़त्म होता चला गया उसको ख़त्म करने में सबसे बड़ा योगदान नेताओं का रहा,इन्होंने आम आदमी को आम आदमी नहीं रहने दियाकांग्रेसी बना दिया,जनसंघी-भाजपाई बना दिया, सपाई-बसपाई बना दिया, माकपाई-भाकपाई, माओ वादी-लेनिनवादी बना दिया,नक्सलवादी बना दिया, हिन्दू-मुस्लिम, ईसाई बना दिया जाट-गुज्जर,पंडित-बनिया,ऊँचा-नीचा बना दिया। आम आदमी कहाँ रहा, जो कुछ बचे थे उनमें से कोई अम्बानी(उद्योगपति) बन गया, तो उसने भी आम आदमी को ख़त्म करना शुरू कर दिया (ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा कर ) कुछ थोड़े, और बचे तो उन्हें सरकारी नौकर बना कर ख़त्म कर दियाअब बताओ आम आदमी कहाँ रहा। जो हैं, (ऐसा नहीं है कि नहीं हैं) कम हैं, उनकी आवाज लोकतंत्र में; बहुमत के आगे कौन सुन रहा है। सब अपने-अपने खासों के बारे में सोचेंगे। आम आदमी तो ख़त्म हो गया है उसके लिए क्या सोचना। आम आदमी की कौन सुनेगा, क्योंकि वह स्वयं बोलता नहीं उसे कोई खास(नेता) चाहिए होता है और हमारे भारत के "खास" ज्यादातर भ्रष्ट हो गए हैं। तभी तो, सरकारें अपने लिए कोई कमी नहीं करती ऊपर (राष्ट्रपति )से लेकर नीचे (सरपंच) तक सबको खुश रखती है चाहे दो नंबर में ही देना पड़े। अपने कर्मचारियों को खुश रखती है छुट्टियाँ,हड़ताल, पदोन्नति और वेतन के साथ-साथ अवैध मोटी कमाई का अवसर। अब जो बचे उन्हें इन नेताओं ने अपने दलों का सदस्य बना लिया कई प्रकार के पद दे दिए, उससे ज्यादा उन्हें जातियों में, धर्म में, प्रान्त में, अमीर में, गरीब में, बाँट कर आम आदमी नहीं रहने दिया। पर ये भूल रहे हैं अगर आम आदमी नहीं रहा तो देश व देश कीसंस्कृति संस्कार भी नहीं रहेंगेइन नेताओं के ऊपर शायद ही किसी(बचे हुए ) आम आदमी को भरोसा हो कि ये देश को बचाए रखेंगे ये तो बी. टी.बैंगन के लिए बिक जाने वाले नेता हैं।

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