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Monday, January 4, 2010

जाग उठा है देश ये सारा,दृढ संकल्प की बारी है, स्वाभिमान जगा भारत का,नवयुग की तैयारी है...

(आज के इस दौर में जब रहीसजादो के शराब के नशे में अपनी कीमती गाड़ियों से दूसरों को कुचलना या इनके द्वारा पबों और जुआ घरों में दूसरों की जान लेने के समाचार दिलों को दहला देते हैं)

ऐसे में

किसी युवक की शिक्षा एम सी ए हो बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर हो जो लाखों रूपये महीने के कमाता हो, उसे ठुकरा दे। ऐसे ही, कोई युवक बायोकैमिस्ट्री में इंजिनियर बनकर विदेशी कम्पनी का लाखों रूपये वेतन और रासायनिक हथियार बनाने का आमंत्रण ठुकरा दे। कोई दो-दो फैक्ट्रियों का मालिक हो, करोड़ों की जमीन जायदाद हो फिर भी उसे छोड़ कर देश सेवा में,बाबा रामदेव के आह्वानपर अपना जीवन अर्पित करने का संकल्प ले

उपरोक्त युवकों की तरह पूरे भारत से हजारों की संख्या में युवक-युवतियां जो डॉक्टर हैं,इंजीनियर हैं, शिक्षक हैं, पी.एच.डी.हैं हजारों-लाखों कमा रहे हैं पर इस आन्दोलन में अपना सबकुछ न्यौछावर करने का व्रत ले रहे हैंये ज्यादातर लगभग बीस-तीस वर्ष के होंगे,सभी ज्यादातर संपन्न और ठीक-ठाक घरों के होंगे

इस सब को देख कर नहीं लगता कि अब भारत का स्वाभिमान जाग रहा है ? आने वाले पांच सालों के अन्दर ही इसके सुखद परिणाम दिखने लगेंगे। वैसे बाबा रामदेव ने जो अभी तक किया है उसके भी अच्छे परिणाम आने लगे हैं। भारत स्वाभिमान संगठन का जो आन्दोलन बाबा ने खड़ा किया है वह आने वाले समय में अपना रंग दिखायेगा।

धन्य हैं वो युवा और उनके माता-पिता जो इस ऐतिहासिक आन्दोलन में अपना सर्वस्व समर्पित कर पा रहे हैं आज के इस दौर में जब रहीसजादौं के शराब के नशे में अपनी कीमती गाड़ियों से दूसरों को कुचलना या इनके द्वारा पबों और जुआ घरों में दूसरों की जान लेने के समाचार दिलों को दहला देते हैं ऐसे में आशा का सूर्य बाबा रामदेव के शिविर में ही दिख रहा हैऔर विश्वास हो रहा है कि भारत का स्वाभिमान जाग रहा है

आजादी नयी व्यवस्था के लिए जो आगाज बाबा ने कर दिया है उसे अंजाम तक पहुँचाने के लिए देश में जज्बातियों की कमी नहीं हैबाबा का कहना है कि हम मानव बम नहीं बना रहे बल्कि मानवतावादी बना रहे हैं। भारत ने अब विश्व का सिरमौर बनना ही है

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