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Monday, November 9, 2009

मधू कोड़ा पर “भी” हमको नाज है

ऐसे न जाने कितने नेताओं पर हम नाज करते आ रहे हैं, एक और सही।
हमें ऐसा ही आदर्श चाहिए, देश के नेताओं को;मधू कोड़ा की गिरफ्तारी नहीं, परामर्श चाहिए।छोटे से प्रदेश का मुख्यमंत्री, जो अपनेआप पॉँच हजार करोड़ कमा सकता है वह अगर देश का नेतृत्व करे तो क्या नहीं कर सकता। अपने आप तो मालामाल होगा ही अपने साथियों को भी मालामाल करेगा। आखिर किसी दिन तो देश का और देशवासियों का नंबर आएगा ही।
इस मधू कोड़ा को देश का नेता बनाओ और ये बताओ कि विदेशी बैंकों में सौ लाख करोड़ रुपये भारत का है उसे लाने में कमीशन फिक्स कर दिया जाए तो शायद कोड़ा साहब ज्यादा दिन न लगायें।
नेताओं के लिए आदर्श ही नहीं उनका सपना होता है मधू कोड़ा के जैसा बनना। इस सपने को देखते-देखते ही पूरी जिंदगी बीत जाती है कई नेताओं की। मधू कोड़ा के जैसी किस्मत भी, किसी को किस्मत से ही मिलती है। सड़क छाप नेता से इतने कम समय में मुख्यमंत्री तक पहुंचना बिना भाग्य के हो सकता है कोई यकीन नहीं करेगा, कोई क्या जो भाग्य को नहीं मानता वह भी यकीन नहीं करेगा। मेरे एक मित्र वोटर को दोष दे रहे हैं, भाग्य-वाग्य कुछ नहीं,वोटर की मत मारी गई है कहते हैं। अब जनाब अगर किसी को चख कर वोट देना हो तो शायद ही कोई गलती करे, अपने बीच के आदमी को, अपना जैसा समझ कर वोट दे दिया, पिछले साठ-पैंसठ सालों से दे रहे हैं सभी ऐसे ही निकलते हैं, अब क्या करें। खैर........ हमें तो नाज करना है मधू कोड़ा पर, अकेले नहीं कुछ नहीं किया
अपने साथियों का भी ख्याल रखा, और रखें क्यों नहीं चुनाव के समय काम आयेंगे.... आयेंगे क्या .. ?
आते ही हैं, किस नेता को चुनाव के वक्त धन की जरुरत नहीं पड़ती। जीतने और पद पर पहुँचने के बाद सबसे पहले उनका फायदा देखना उनका कर्तव्य है। सभी ऐसा करते हैं।
आप कहोगे कि नाज किसलिए है तो क्या ये नाज करने वाली बात नहीं है कि इतना मामला खुलने के बाद भी कोड़ा साहब केवल तीन-चार दिन अस्पताल में रहे, उससे भी बड़ी बात कि झेल गए। और उससे भी बड़ी बात कि बिना शर्म व झिझक के अपना मुहं दिखा रहे हैं। आखिर कुछ तो बात होगी बन्दे में हो सकता है बड़े-बड़े साथी हों इस धंधे में। पॉँच हजार करोड़ कुल कमाए , अब इस मामले को रफा दफा करने में पॉँच-सात सौ करोड़ खर्च हो जायेंगे क्या कम नुकशान होता है। फ़िर भी निश्चिंत हैं।

1 comment:

  1. झारखण्ड प्रदेश के निवासी होने के नाते नाज तो मुझे भी है शंकर जी। कौड़ी से करोड़ तक कोड़ा-ए-दास्तान तो सबक लेने योग्य है ही।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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