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Thursday, November 26, 2009

"हम खुश हैं"

1.हम खुश हैं

चालीस रूपये किलो चीनी,

सौ रूपये किलो दालें खाते हुए।

पच्चीस रूपये किलो आलू-प्याज लेकर,

अस्सी रूपये किलो मटर खाते हुए।

हम खुश हैं,…… क्योंकि,

हमारी राष्ट्रपति लड़ाकू विमान में,

उड़ान भर रहीं हैं।

२.हम खुश हैं

आतंकवाद-नक्सलवाद से डर कर,

पुलिस और लुटेरों से सहमे हुए।

घटना-दुर्घटनाओं को सहकर,

गरीबी में महँगाई से-

भूखे पेट सोते हुए।

हम खुश हैं,….. क्योंकि,

हमारी संसदों में

करोड़पतियौं की संख्या और वर्चस्व

बढ़ रहा है

3.हम खुश हैं

निर्लज्ज,भ्रष्ट,अवसरवादी,

नेताओं का,गुणगान करते हुए।

ढीली और भ्रष्ट व्यवस्था से,

हस्पतालों में बेमौत मरकर।

भाग्य को दोष देते हुए।

हम खुश हैं,…. क्योंकि,

हमारे नेता, अमेरिकी नेताओं के साथ,

खाना खा रहे हैं

4.हम खुश हैं

सबकुछ महंगा होते हुए भी,

किसानों को उचित दाम न मिलते हुए।

हमें खाने को कुछ न मिले पर,

नेताओं को करोड़पति बनते देखकर।

क्रिकेट मैच और सिनेमा देख कर।

हम खुश हैं,…. क्योंकि,

हमारे एक नेता पुत्र, गरीबों के यहाँ,

खाने-रहने जा रहे हैं,पांच घंटे ही सही

5.हम खुश हैं

आस्ट्रेलिया-अमेरिका वाले चाहे,

हमें मारें या फ़िर कपड़े उतारें।

हमारे पड़ोसी हम पर,चाहे,

कुत्ते की तरह भौंकें या गुर्राएँ।

हम, परमाणु संपन राष्ट्र हैं,

ये अहसास कर।

हम खुश हैं,…क्योंकि,

हम पर से एकाध प्रतिबन्ध कम होंगे,

वरना हम भूखे मरते

6.हम खुश हैं

हमारे शेयर बाजार व,

सोना-चांदी और अन्य,

घरेलू बाजार तेजी में हैं।

समाचार व मनोरंजन चैनल,

खूब धन बटोर रहे हैं

हम खुश हैं,.... क्योंकि,

दुनिया भर में मंदी का दौर है,

पर,हम, मंदी में भी मंद नहीं हुए

हम खुश हैं ...........

Ham

1 comment:

  1. फ़ुलारा जी आज के माहौल में आपकी पन्क्तियां हम सभी को कुछ सोचने पर मजबूर करती हैं क्योंकि हम भी उसी समाज का एक हिस्सा हैं।

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