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Thursday, August 13, 2009

हमारे कुछ आज के महान व्यक्तित्व १

नाम, आप स्वयं समझ जाओगे
काम , हीरो हैं, सॉरी, अभिनेता हैं ,अभिनेता कहने में जरा कुछ अच्छा लगता है ,कुछ भारीपन आ जाता है,हिन्दी अंग्रेजी में यही तो अन्तर है।
हाँ तो साहब, बड़े महान हैं,
इत...नी…ई फिल्मों में हीरो बने कि, गिन नहीं सकते ,बनाने वाले भी भूल गए ,
फिल्में ऐसी कि देखने वाले खाना – पीना भूल कर इनकी फिल्में देखने जाते थे ।
बच्चे स्कूल की फीस स्कूल में जमा न करके इनकी फिल्मों को देखने स्कूल से भाग जाया करते थे। गरीब तो अपनी गरीबी भूल जाया करते थे कि हमारे बीच का ही आदमी लगता है।
ये इतने महान हैं कि इनको जिन लोगों ने संवाद लिख कर दिए (जिनसे ये महान बने) उन्हें तक लोगों ने कोई महत्त्व नहीं दिया इसीलिए इन्होंने भी कभी नहीं कहा कि कहानी व संवाद के कारण भी ये महान हुए । आज भी झूठे सच्चे कई विज्ञापनों से लोगों को भ्रमित करने की क्षमता इनमें है। जबकि चौथी अवस्था में चल रहे हैं।
आज इनके पास कई बंगले हैं जो इनकी महानता है ये मंदिरों को भी करोड़ों रूपये दान दे देते हैं ये इनकी महानता है जिसे सुन कर ही कई भूखे देशवासियों के मुहं से इनके लिए आशीर्वचन अपने आप निकल आते हैं, क्योंकि उनका पेट ये सुन कर ही भर जाता है, ये तसल्ली भी हो जाती है कि उन्होंने जो पैसा इनकी फिल्मों पर व्यय किया था इन्होंने उसे अपने सुख-साधनों पर व्यय किया । भूखे नंगों पर खर्च नहीं किया ।
कभी केवल भूखे –नंगे इनकी महानता के कायल हुआ करते थे ,
पर आज पूरी दुनिया इनकी कायल है।

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