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Wednesday, August 5, 2009

धौनी या किसी की भी शान

धौनी को चाहिए शस्त्र लाईसेंस , ओह, सौरि ; केवल लाईसेंस नहीं शस्त्र भी चाहिए । सरकार ने जो सुरक्षा दी है उससे इनकी शान थोड़े ही झलकती है। वह तो केवल नेताओं की हैसियत दर्शाने के लिए होती है ।
इनकी शान के लिए इन्हें निजी शस्त्र की जरुरत है ,जैसे शान दिखाने के लिए ये
गाड़ी लाये हैं , एक करोड़ की ,ऐसे ही महंगा वाला शस्त्र खरीदेंगे ।
दिखाने के काम आएगा ,ये नहीं भी दिखाना चाहेंगे ,पर चैनल वाले जी हजूरी करके इनसे इनकी शान दिखाने का अधिकार प्राप्त कर लेंगे
भाई उनकी तो रोजी-रोटी ही बड़े आदमियों की शान दिखाना है । पुरे-पुरे दिन इनकी शान दिखायेंगे । आम आदमी भी इनकी इस शान को देखने में अपनी भूख –प्यास सब भूल जाता है ,जो आम आदमी से कुछ ऊपर होता है (इन्हीं की श्रेणी का ) वह इनकी किस्मत देखकर जल भुन जाता है,और जो आम आदमी से नीचे होता है(जो भूखा रहता है ) वह मन ही मन गाली देता है। कुछ सोच कर,
हमारा टेंशन पॉइंट केवल ये बोल पाता है कि आदमी कुछ पा लेने के बाद अपने को अपनों से ( आम आदमी से) क्यों इतना दूर कर लेता है,क्या ये अपनेआप अपने दुश्मन नहीं बना लेता है... ?

2 comments:

  1. उनकी तो खैर जो मजबूरी हो पर आम आदमी ही तो उन्हें खास बनाकर अपने से अलग करता है.

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  2. हम ही तो उन्हें खास बना देते हैं।

    रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
    विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!

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