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Tuesday, May 26, 2009

" पंजाब गुस्से में है "

पंजाब गुस्से में है
और जब कोई गुस्से में होता है,
पर कुछ कर नहीं पाता है
तब अपने घर के शीशे तोड़ता,और,
ख़ुद ही अपने घर में आग लगाता है।

इससे पहले वह अपने बाल नोचता है,और,
हाथ पैर पटकता है , पर,

पंजाब ,सीधे गुस्से में आ जाता है।

आख़िर क्या करें पंजाब वाले
आस्ट्रिया में कांड हो गया, दुःख के
साथ-साथ गुस्सा भी आ गया। वहां तो जा नहीं सकते
इसलिए अपने ही घर में आग लगा दी।
अपने भाईयों को मार दिया।
आख़िर गुस्सा (बहादुरी)जो दिखाना है।

अगर नहीं दिखाया तो कौम पर लगा
बहादुरी का ठप्पा धुंधला नहीं जाएगा ।
पंज-पियारों की दी हुयी ,
तलवार की "आब" भी तो दिखानी है।

2 comments:

  1. समझ नहीं आता की आदमी इतना बेवकूफ कैसे हो जाता है? खुद का नुकसान करना पागलो की निशानी है. वो ही स्वयं का भला बुरा सोचे बिना स्वयं को जख्मी करता है. क्या यही पंजाब में नहीं हो रहा है?

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  2. सच कहा मगर सच कड्वा होता है कही जलते पर घी का काम ना हो जाये

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